जातिगत जनगणना में सक्रिय हो गए दोनों दल
केंद्र सरकार ने इस बार की जाने वाली जनगणना में जातिगत जनगणना भी करने का फैसला ले लिया…इस फैसले के साथ ही अब दोनों राजनीतिक दल जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस हर तरफ जाकर यह बताने में लगी हुई है कि उसके दबाव के कारण ही केंद्र सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है। भाजपा के नेता यह जताने में लगे हैं कि भारत सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला ऐतिहासिक है और आज तक कभी देश में जातिगत जनगणना नहीं हुई…यह जनगणना पहली बार होगी। इस समय की राजनीति का सबसे बड़ा मुद्दा जातिगत जनगणना हो गया है। इस जनगणना के माध्यम से पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी स्पष्ट हो सकेगी। आने वाले समय की राजनीति इसी पर निर्भर रहेगी। अब इस मामले का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया है…
अध्यक्ष बदलने का मसला ठंडे बस्ते में
कांग्रेस ने अपना संगठन खड़ा करने के लिए पूरे प्रदेश में शहर और जिला इकाई के अध्यक्ष में परिवर्तन करने की घोषणा की थी…इस घोषणा के साथ ही पार्टी द्वारा कहा गया था कि पहले शहर और जिला अध्यक्ष का बदलाव कर देंगे, इसके बाद में सभी ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति नए सिरे से की जाएगी….फिर वार्ड और बूथ लेवल तक जिम्मेदारी देने का काम किया जाएगा। इस तरह की घोषणाएं तो कांग्रेस की ओर से कई बार की जाती हैं, लेकिन जब इन घोषणाओं पर क्रियान्वयन का नंबर आता है तो घोषणा की हवा निकल जाती है। इस समय कुछ ऐसी ही हवा पूरे प्रदेश के सभी शहर और जिला अध्यक्ष के परिवर्तन के मामले में निकल गई है। अलबत्ता इस घोषणा ने कांग्रेस की राजनीति में शामिल गुटबाजी को जरूर तेज कर दिया है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकांश जिले में उसके पास अध्यक्ष पद की कमान संभालने के लिए योग्य नेताओं का अभाव पैदा हो गया है। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष इस कसरत में लगे हैं कि इस घोषणा को अमल में कैसे लाया जाए…
महाराष्ट्रीयन समाज गुस्से में
शहर में भाजपा के प्रभाव वाली पट्टी में पिछले कई सालों से रामबाग से लेकर पोलोग्राउंड चौराहा तक के क्षेत्र को माना जाता रहा है। यह क्षेत्र महाराष्ट्रीयन समाज के दबदबे वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में रहने वाला महाराष्ट्रीयन समाज इस समय गुस्से में है। इस गुस्से का कारण है इंदौर नगर निगम द्वारा पोलोग्राउंड की सरकारी जमीन पर भारत वन के रूप में एक बगीचे के साथ पर्यटन स्थल के विकास की घोषणा करना। पिछले दिनों भाजपा और खासतौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े इस क्षेत्र की विभिन्न कॉलोनियों में रहने वाले नागरिकों की एक बैठक हुई…इस बैठक में उन्होंने पोलोग्राउंड पर नगर निगम की योजना को लाल झंडी दिखा दी। इन लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पर्यावरण को संतुलित रखने में इस जमीन पर वर्तमान में जितने पेड़-पौधे लगे हुए हैं, उनका सबसे ज्यादा योगदान है। नगर निगम इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील करते हुए वर्तमान में लगे पेड़ों को काट देना चाहता है और उनके स्थान पर नए पौधे लगाना चाहता है। अब विरोध के स्वर के बीच निगम अपने कदम आगे बढ़ाने की तैयारी में है ….
युवा कांग्रेस के चुनाव में रस्साकशी
कांग्रेस के घटक संगठन युवा कांग्रेस को किसी समय पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहने वाला मजबूत संगठन माना जाता था। अब तो यह संगठन भी कागज पर चलने वाले संगठन के रूप में अपनी छवि बना रहा है। इस संगठन के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिस संगठन द्वारा कोई उल्लेखनीय काम ही नहीं किया जा रहा है उस संगठन में पद पाने के लिए कांग्रेस के नेताओं में खूब जोड़तोड़ शुरू हो गई है। इंदौर में तो इस संगठन पर पिंटू जोशी और अमन बजाज का सिक्का चल रहा है। इन दोनों के अपने अध्यक्ष पद के प्रत्याशी हैं। इसी बीच दूसरे नेता खुद के प्रत्याशी के लिए इन दोनों का समर्थन पाने की कोशिश में लगे हैं। कोशिश तो यह भी की जा रही है कि इस बार युवा कांग्रेस का इंदौर का चुनाव सर्वानुमति से हो जाए। अब यह कोशिश करने वालों को कौन बताए कि मुंगेरीलाल के हसीन सपने सच्चे नहीं होते हैं….
आंबेडकर के अभियान को भूल गए…
पिछले दिनों में भाजपा ने संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर को लेकर जनजागरण का अभियान शुरू करने का ऐलान किया था। इस अभियान के तहत भाजपा नेता जनता के बीच जाकर कांग्रेस द्वारा बाबा साहब के साथ किए गए व्यवहार और भाजपा की सरकार द्वारा उन्हें दिए गए सम्मान की जानकारी साझा करने वाले थे। कांग्रेस ने भी संविधान बचाओ पदयात्रा का ऐलान किया था। इसके तहत पार्टी द्वारा प्रदेश स्तर की रैली का आयोजन ग्वालियर में किया गया। दोनों दल आंबेडकर को लेकर अपने एजेंडा पर आगे बढ़ ही रहे थे कि जातिगत जनगणना की घोषणा ने दोनों दलों के एजेंडा को ही बदल दिया। अब दोनों दल अपने द्वारा घोषित किए गए अभियान को भूल गए हैं और जातिगत जनगणना की बात करने में लग गए हैं…
मिश्रा को भी आने लगे पसीने
भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा को मंडल इकाइयों का गठन करने में पसीने आना शुरू हो गए हैं। सबसे पहले राऊ विधानसभा क्षेत्र में मंडल इकाई का गठन कर उन्होंने सफलता पा ली। उसके बाद से लग रहा था कि अब बहुत तेज गति के साथ सारे मंडल की इकाइयों का ऐलान हो जाएगा। इस घोषणा पर ब्रेक लग गया है। अब मंडल इकाइयों के गठन में समस्याओं से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है। जिन विधानसभा क्षेत्र में विधायक और दूसरे प्रभावी नेता के बीच में अच्छा संवाद नहीं है, वहां पर संगठन का बैलेंस बनाने में खासी परेशानी आ रही है। ऐसी परेशानी के बीच में खाली पड़े दो मंडल के अध्यक्ष पद पर मनोनयन जरूर कर दिया गया है। अब पावर का संतुलन बनाकर मंडल इकाइयों को आकार देने की कोशिश की जा रही है…
कैबिनेट की बैठक पर प्रभाव के प्रदर्शन की तैयारी शुरू
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बात की घोषणा कर दी है कि 20 मई को राज्य कैबिनेट की बैठक इंदौर में राजबाड़ा पर आयोजित की जाएगी। सरकार की ओर से किए गए इस ऐलान के बाद जहां जिला प्रशासन इस बैठक की प्रशासनिक तैयारी को आकार देने में लगा है, वहीं भाजपा के नेता इस बैठक के आयोजन के मौके पर अपने प्रभाव के प्रदर्शन की तैयारी में लग गए हैं। इस तैयारी को खासतौर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, क्षेत्र के विधायक गोलू शुक्ला आकार देने में लगे हैं। भाजपा के शहर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने अभी इस मामले में अपनी सक्रियता शुरू नहीं की है, लेकिन यह माना जा रहा है कि वह क्षेत्रीय विधायक के साथ खड़े हुए नजर आएंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कैबिनेट की बैठक से कौन अपनी राजनीति में चमक ला पाएगा…
डॉ जितेन्द्र जाखेटिया
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