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मथुरा के इस मुस्लिम परिवार का 4 पीढ़ियों से है रावण से रिश्ता, कुछ ऐसी इनकी कहानी

मथुरा। कृष्ण की नगरी मथुरा में एक मुस्लिम परिवार ऐसा भी है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम किए हुए है। यह परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी रावण और उसके परिवार के सदस्यों के पुतले बनाने का कार्य कर रहा है। इस मुस्लिम परिवार की रोजी रोटी रावण के परिवार से चलती है। रामलीला में रावण वध के लिए तैयार किए जा रहे पुतलों को बनाने का खर्च करीब डेढ़ लाख रुपये आता है।

रावण के परिवार के पुतलों को बनाने में 9 सदस्य लगे हुए हैं। जहां कुछ लोग हिंदू-मुस्लिम की बात कर लोगों को भड़काने का काम करते हैं। वहीं, एक मुस्लिम परिवार ऐसा भी है, जिसकी रोजी-रोटी रावण और उसके परिवार से चलती है। ये मुस्लिम परिवार एक नहीं दो नहीं, बल्कि चार पीढ़ियों से रावण के परिवार के पुतले बनाता चला आ रहा है। इन पुतलों को बनाने में मुस्लिम परिवार के लोगों को एक आनंद की प्राप्ति होती है।


मुस्लिम परिवार के मुखिया छोटे खान से जब बात की तो छोटे खान बताते हैं कि यह काम उनका पुश्तैनी है। उन्होंने बताया कि पीढ़ी दर पीढ़ी हम रावण के पुतले के साथ-साथ अहिरावण और मेघनाथ के पुतले भी रामलीला के लिए बनाते हैं। या यूं कहें के रावण के परिवार की वजह से हमारा परिवार चलता है। छोटे खान आगे बताते हुए कहते हैं कि सबसे पहले परदादा अमीर बक्श उसके बाद बाबा अली बक्श फिर पिता मुगल बक्श और अब हम यानी छोटे खान इन पुतलों को बनाने का काम कर रहे हैं।

छोटे खान से जब यह पूछा गया कि पुतले बनाने का जो कार्य है, वह कब से शुरू होता है तो उन्होंने कहा कि रामलीला से डेढ़ महीने पहले हम लोग काम शुरू कर देते हैं। महाविद्या के रामलीला मैदान में पूरा परिवार पुतले बनाने के दरमियान रहता है। पुतले बनाने का कार्य पूरा होने पर परिवार के सभी सदस्य मथुरा के भरतपुर गेट स्थित अपने आवास पर पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि पुतले बनाने के लिए 9 लोग अलग-अलग काम करते हैं। सभी लोगों को अलग-अलग काम बांट दिया गया है। सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक हम लोग पुतले तैयार करने में जुटे रहते हैं।

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