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ईद-उल-फितर का त्योहार इस बार सऊदी अरब के साथ केरल में एक दिन पहले मनाया जाएगा


नई दिल्ली । ईद-उल-फितर का त्योहार (Festival of Eid-ul-Fitr) इस बार (This Time) सऊदी अरब के साथ (Along with Saudi Arabia) केरल में (In Kerala) एक दिन पहले (A Day Earlier) मनाया जाएगा (Will be Celebrated) । अभी रमजान का पवित्र महीना चल रहा है, जो इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना है। अभी से ही भारत समेत दुनियाभर के मुसलमान ईद-उल-फितर का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक साल के दसवें महीने की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। जिस दिन चांद दिखाई देता है, उसे चांद मुबारक के नाम से जाना जाता है और फिर अगले दिन ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है।


सऊदी अरब में सबसे पहले ईद-उल-फितर की तारीख का ऐलान किया जाता है। ईद की नमाज के बाद मुस्लिम लोग अपने पड़ोसियों और दोस्तों को ईद मुबारक की बधाई देते हैं और फिर उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चांद के देखे जाने के आधार पर ही ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है।
ईद-उल-फितर की तारीख निर्धारित करने की प्रक्रिया केवल रात में ही की जा सकती है। अगर चांद नजर नहीं आता है तो रमजान एक और दिन के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। इस साल भारत में ईद-उल-फितर का त्योहार शुक्रवार यानी 21 अप्रैल या फिर शनिवार यानी की 22 अप्रैल को पड़ने की उम्मीद है। हालांकि ध्यान दें कि ईद-उल फितर की सही तारीख चांद के देखे जाने के आधार पर अलग-अलग हो सकती है और स्थानीय अधिकारियों या अपनी स्थानीय मस्जिद से इसकी पुष्टि करना हमेशा सबसे अच्छा होता है।

वहीं केरल में ईद-उल-फितर देश के बाकी हिस्सों की तुलना में एक दिन पहले मनाया जाता है। दरअसल राज्य में चांद देखने वाली समिति पारंपरिक इस्लामी कैलेंडर का पालन करती है और चांद के वास्तविक दर्शन की प्रतीक्षा करती है। केरल भारत का अकेला ऐसा राज्य है, जिसकी ईद-उल-फितर की तारीख सऊदी अरब में चांद के दर्शन से निर्धारित होती है। चांद देखने वाली समिति के फैसले के आधार पर केरल की सरकार ईद-उल-फितर पर छुट्टी की घोषणा करती है। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इस साल 2023 में केरल में ईद-उल-फितर का त्योहार 21 अप्रैल को मनाया जाएगा।

ईद उल-फितर का इतिहास पैगंबर मुहम्मद के समय से है, जिन्होंने 7वीं शताब्दी में इस्लाम की स्थापना की थी। इस्लामिक परंपरा के अनुसार पैगंबर को रमजान के महीने के दौरान कुरान का पहला रहस्योद्घाटन मिला, यही वजह है कि इस महीने को पवित्र माना जाता है। कुल मिलाकर ईद-उल-फितर का त्योहार दुनियाभर के मुसलमानों के लिए बेहद खास होता है।

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