विदेश

कनाडा में फंसे हजारों भारतीय छात्र, तीन कॉलेज हुए अचानक बंद, खुद को बताया दिवालिया

नई दिल्ली। कनाडा के क्यूबेक (Canada’s Quebec) में तीन कॉलेजों के अचानक बंद (sudden closure of three colleges) हो जाने से छात्रों से सामने बड़ा संकट(Big crisis in front of students) खड़ा हो गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित ऑनलाइन क्लास लेने वाले 700 समेत 3 हजार भारतीय छात्र (3 thousand Indian students) हैं जो अब मुश्किल में फंस गए हैं. इन सभी कॉलेजों ने खुद को दिवालिया घोषित (Colleges declare themselves bankrupt) कर दिया है जिस वजह से छात्रों की पढ़ाई तो रुक ही गई है, उनकी फीस भी डूब गई है.


बताया गया है कि राइजिंग फीनिक्स इंटरनेशनल इंक (Rising Phoenix International Inc.) के तीन कॉलेज- एम कॉलेज एच मॉन्ट्रियल, शेरब्रुक में सीईडी कॉलेज और लॉन्ग्यूइल में सीसीएसक्यू कॉलेज को अचानक बंद कर दिया गया है. इन तीनों ही कॉलेजों ने कोरोना काल में हुए नुकसान को जिम्मेदार बताते हुए बंद होने का फैसला लिया. लेकिन इस एक फैसले ने कई छात्रों को बीच मझधार में फंसा दिया है.
इस वजह से भारतीय छात्रों ने ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क साधा था. अब उस शिकायत के बाद भारतीय उच्चायोग ने सभी छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी कर दी है. उस एडवाइजरी में जोर देकर कहा गया है कि कोई भी छात्र बिना जांच के किसी संस्थान को फीस ना दे. ये भी देखा जाए कि उस कॉलेज को कनाडा की संघीय या प्रांतीय सरकार द्वारा मान्यता दी गई है या नहीं.
अभी के लिए भारतीय उच्चायोग छात्रों से परेशान ना होने की अपील कर रहा है. कहा गया है कि उच्चायोग द्वारा लगातार कनाडा सरकार और वहां के प्रतिनिधियों से संपर्क साधा जा रहा है. छात्रों को ये भी जानकारी दी गई है कि फीस की समस्या को लेकर सीधे उस कॉलेज से संपर्क साधा जाए. अगर समस्या का हल ना निकले तो क्यूबेक के उच्च शिक्षा मंत्रालय से मदद ली जा सकती है.

Share:

Next Post

जी-20 देशों के बयान को रूस और चीन ने किया खारिज, वैश्विक अर्थव्यवस्था को कोई संकट नहीं 

Sun Feb 20 , 2022
जकार्ता। यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) के मद्देनजर जी 20 देशों (G-20)के बयान को रूस और चीन ने खारिज कर दिया है। आर्थिक रूप से संपन्न 20 देशों के समूह ने यूक्रेन (Ukraine-Russian) पर रूसी हमले की आशंका जताते हुए उसका असर (Economically Prosperous) वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) पर पड़ने की बात कही गई थी।कहा था […]