उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

लंपी बीमारी का कहर रोकने के लिए टीके के साथ-साथ देसी इलाज भी शुरू

  • कलेक्टर के आदेश पर घोंसला सहित अन्य पशु बाजारों पर प्रतिबंध लगा

उज्जैन। जिले के कई गांवों में कहर बरपा रही लंपी चर्म रोग का कहर रोकने के लिए टीके लगाने के साथ देसी इलाज भी शुरू कर दिया गया है। कई पशुपालक इस इलाज को अपनाने लगे हैं। कलेक्टर के आदेश के बाद पशु मेलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। देसी इलाज में काला जीरा 200 ग्राम, मुलेठी 200 ग्राम, मजीठ 200 ग्राम, हल्दी 200, आंवला 200 ग्राम और सनाय पत्ती 200 का पावडर बनाकर 50-50 ग्राम की पैकेट तैयार करना है। फिर इस पैकेट को 50 ग्राम डालिए और 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर पशुओं को खिलाना है। इसके निरंतर 6 दिन के सेवन से चर्म रोग की चपेट में आए पशु बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा 3 लीटर पानी को हल्का गर्म कर सफेद 40 ग्राम फिटकरी का घोल बनाकर दिन में बीमार पशु के शरीर पर मसाज करना है, इससे भी बहुत राहत मिलेगी।


प्रशासनिक अमला गांव-गांव में घूमकर पशुपालकों को जागरूक कर रहा है। विभिन्न गांवों में सुबह से लेकर शाम तक टीम जाकर पीडि़त पशुपालकों को समझाइश दे रही है। उनसे कहा जा रहा है कि अगर उनके यहां कोई पशु बीमारी की चपेट में आता है तो वह घबराए नहीं, सावधानी रखें। सबसे पहले पशु को अलग रखने के साथ ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था अलग से करें और दूसरे पशुओं के संपर्क में नहीं आने दे। पशुपालन विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। कलेक्टर आशीष सिंह सभी एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को जागरूक करने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें।

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