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राजस्थान में बिना लाइसेंस तंबाकू उत्पाद नहीं बेचे जा सकेंगे : झाबर सिंह खर्रा


जयपुर । शहरी विकास आवास और स्थानीय स्वशासन मंत्री (Minister of Urban Development Housing and Local Self Government) झाबर सिंह खर्रा (Jhabar Singh Kharra) ने कहा कि राजस्थान में (In Rajasthan) बिना लाइसेंस (Without License) तंबाकू उत्पाद (Tobacco Products) नहीं बेचे जा सकेंगे (Cannot be Sold) ।


झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि वह एलएसजी विभाग के निदेशक को राज्य स्तर पर एक अधिसूचना जारी करने का निर्देश देंगे, ताकि विक्रेता तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए लाइसेंस ले सकें। वे शुक्रवार को तंबाकू नियंत्रण, तंबाकू विक्रेता लाइसेंसिंग और डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी 5.3 पर दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम एसआरकेपीएस द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डिसीज (द यूनियन) के सहयोग से किया गया था। खर्रा ने कहाकि राज्य में जल्द ही नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के माध्यम से तंबाकू विक्रेता लाइसेंसिंग लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि तंबाकू नशे की ओर पहला कदम है जो बाद में लत में तब्दील हो जाता है।

उन्होंने तंबाकू मुक्त राजस्थान बनाने के लिए सभी उपाय करने का आश्वासन दिया। इससे पहले, पंचायती राज विभाग के सचिव रवि जैन ने आश्वासन दिया कि विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में तम्बाकू विक्रेता लाइसेंसिंग और सीओटीपीए का प्रभावी अनुपालन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तंबाकू नियंत्रण, स्वच्छता सहित विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों में सरपंचों को फील्ड विजिट पर ले जाया जाएगा।

राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.राकेश गुप्ता ने कहाकि तंबाकू नियंत्रण में चिकित्सा संस्थानों को भी शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें चिकित्सा जगत की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस प्रयास में सामुदायिक चिकित्सा विभाग को नोडल एजेंसी बनाया जाना चाहिए। कार्यशाला में जिला परिषद सीईओ राकेश कुमार ने कहा कि सीकर जिला तंबाकू नियंत्रण को लेकर बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होनें कहा कि आने वाले समय में सीकर जिला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में एक नया आयाम राजस्थान में स्थापित करेगा।

इस मौके पर झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ पंचायत समिति प्रधान दिनेश सुण्डा ने भी अपनी पंचायत समिति में तंबाकू नियंत्रण को लेकर किए गऐं कार्यो के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। इस कार्यशाला में एम्स, जोधपुर के डॉ. योगेश जैन ने अपने प्रस्तुतीकरण में राजस्थान में बीड़ी के कारण होने वाले बोझ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इसके उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने की भी वकालत की।

झारखंड से सीड्स के कार्यकारी निदेशक दीपक मिश्रा ने कहा कि झारखंड 2018 में तंबाकू विक्रेता लाइसेंसिंग प्रणाली शुरू करने वाला पहला राज्य था और अब इसमें तेजी आनी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि तंबाकू विक्रेता लाइसेंसिंग के लाभों में सीओटीपीए का अनुपालन सुनिश्चित करना, तंबाकू बेचने वाली दुकानों की मैपिंग करना, दुकानों की संख्या और अवैध व्यापार को प्रतिबंधित करना शामिल है और सरकार को राजस्व मिलेगा।

कार्यशाला में अस्थमा केयर सोसायटी के अध्यक्ष धर्मवीर कटेवा, जन स्वास्थ्य अभियान की प्रतिनिधि सुश्री छाया पचौली, द यूनियन के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राणा जे सिंह, सीकर जिला परिषद के सीईओ राकेश कुमार एवं अन्य ने अपने विचार व्यक्त किये। खर्रा ने बाद में कार्यशाला के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। एसआरकेपीएस सीईओ राजन चौधरी ने मेहमानों का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। एसआरकेपीएस परियोजना प्रबंधक ज्योति चौधरी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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