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Tokyo Olympics: भारत ने 125 साल में पहली बार जीते 7 मेडल, जानिए कौन हैं 7 हीरो

टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता. यह ओलंपिक इतिहास का किसी भारतीय खिलाड़ी का एथलेटिक्स का पहला मेडल है। पहली बार भारत ने ओलंपिक में 7 मेडल जीते. इससे पहले 2012 लंदन ओलंपिक में 6 मेडल मिले थे। भारोत्तोलन में मीराबाई चानू ने देश को पहला सिल्वर जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू और मुक्केबाजी में लवलीना बोरगोहेन ने ब्रॉन्ज मेडल (कांस्य पदक) जीते।


मीराबाई चानू –
भारतीय वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया। चानू ओलंपिक में वेटलिफ़्टिंग में सिल्वर मेडल लाने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं. उन्होंने 49 किलोग्राम भार में यह पदक जीता है. इस वर्ग में चीन की होऊ ज़हुई ने गोल्ड और इंडोनेशिया की विंडी असाह ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता. चानू ने कुल 202 किलोग्राम भार उठाकर भारत को सिल्वर मेडल दिलाया.

रवि कुमार दहिया –
रवि कुमार दहिया ने 57 किलोग्राम भारवर्ग के पहले दौर के मैच में कोलंबिया के ऑस्कर उरबानो को 13-2 से मात दे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी. इसके बाद उन्होंने क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया के जॉर्जी वालेंटिनोव को 14-4 से हरा सेमीफाइनल का टिकट कटाया. सेमीफाइनल में उनके सामने काजाकिस्तान के नुरीस्लम आत्रिनाघारची. रवि ने उन्हें चित करते हुए फाइनल में प्रवेश कर पक्का कर लिया. फाइनल में रवि को रुस ओलिंपिक समिति के जावुर युकयुएव ने 7-4 से हरा स्वर्ण पदक नहीं जीतने दिया. रवि को रजत पदक मिला.

बजरंग पूनिया-
बजरंग पूनिया ने पहले दौर के मैच में किर्गिस्तान के एरनाजर अकमातालिएव को मात दी. इसके बाद उन्होंने ईरान के घियासी को 2-1 से हरा दिया. इसी के साथ वह सेमीफाइनल में पहुंचे जहां अजेरबैजान के अलिएव हाजी ने भारतीय पहलवान को 12-5 से पटखनी दे स्वर्ण पदक जीतने का सपना तोड़ दिया. इसके बाद बजरंग को कांस्य पदक मैच खेलना था जिसमें उन्होंने कजाख़स्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हरा कांस्य पदक अपने नाम किया.

भारतीय हाकी टीम-
ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारत की हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है. भारत को ब्रॉन्ज (कांस्य) मेडल मिल गया है. भारत ने काटे के मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हरा दिया है. भारत की हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक का कोई मेडल जीता है. सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम के हाथों हार मिली थी, जबकि जर्मनी को ऑस्ट्रेलिया ने हराया था. 1980 के बाद भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक मेडल जीता है.

लवलीना बोरगोहेन –
भारत की स्टार युवा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है। 22 वर्षीय महिला मुक्केबाज को सेमीफाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में पहली बार ओलंपिक खेल रही लवलीना ने पूरा जोर लगाया लेकिन बुसेनाज के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कर पाईं। भारतीय मुक्केबाज को 0-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी। लवलीना भले ही फाइनल में पहुंचने से चूक गईं, बावजूद इसके वह इतिहास रचने में सफल रहीं। वह अब ओलंपिक इतिहास में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई हैं।

पीवी सिंधु –
पीवी सिंधु ने इस साल टोक्यो 2020 ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया है और भारत की पहली महिला डबल ओलंपिक पदक विजेता बनीं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में महिला एकल में तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ में दुनिया की 9वें नंबर की चीन की ही बिंग जिओ पर सीधे गेम में जीत के बाद भारत के लिए कांस्य पदक जीता।

नीरज चोपड़ा-
एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलिंपिक गोल्ड मेडल जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने दिलाया। 87.58 मीटर के स्कोर के साथ भाला फेंक में गोल्ड जीतते ही उन्होंने इतिहास भी रच दिया। अभिनव बिंद्रा के बाद ओलिंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले वह केवल दूसरे भारतीय बन गए हैं।

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