नई दिल्ली। टूलकिट विवाद (Toolkit controversy) में फंस चुके बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (BJP national spokesperson Sambit Patra) की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। रायपुर के सिविल लाइंस थाने में संबित पात्रा और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Sambit Patra and former Chief Minister of Chhattisgarh Raman Singh) के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी। मामले में रविवार को शाम चार बजे तक संबित पात्रा को पुलिस के सामने व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होना था, लेकिन संबित ने ऐसा नहीं किया और अपने वकील के जरिए एक हफ्ते का और समय मांगा।
बता दें कि संबित पात्रा के वकील अपूर्व कुरूप ने सिविल लाइंस पुलिस को ईमेल भेजकर अपने मुवक्किल के लिए एक सप्ताह का समय देने का आग्रह किया है। टूलकिट प्रकरण में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने रायपुर के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराया है। पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह के बाद अब संबित पात्रा को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। पुलिस ने संबित पात्रा को रविवार शाम 4 बजे सशरीर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहने के लिए कहा था। पूछताछ के दौरान उपस्थित नहीं रहने पर पात्रा के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
वहीं एनएसयूआई नेता प्रकाश शर्मा ने यह शिकायत संबित पात्रा के उस ट्वीट के खिलाफ की थी, जिसमें उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस टूलकिट नरेन्द्र मोदी सरकार को बदनाम कर रही है। पात्रा ने दावा किया था कि राहुल गांधी हर दिन जो कोरोना को लेकर ट्वीट करते हैं, वह टूलकिट का हिस्सा है। इसके बाद एनएसयूआई ने संबित पात्रा पर आरोप लगाया था कि फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वह हमारे नेताओं को बदनाम कर रहे हैं। Share: