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पर्यटन स्थल कालियादेह महल पर बढ़ने लगी भीड़, नहीं लगाया अभी तक प्रतिबंध


उज्जैन। शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित तत्कालिन सिंधिया रियासत (Scindia princely state) के कालियादेह महल (Kaliadeh Palace) पर वर्षा ऋतु प्रारंभ होते ही लोग पिकनिक मनाने बड़ी संख्‍या में पहुंच रहे हैं। खासकर रविवार को यहां सैकड़ो शहरवासी जुट जाते हैं।
यहां महल के सामने शिप्रा नदी के बहाव क्षेत्र में स्थित 52 कुण्ड जोकि अपने आप में इतिहास समेटे हुए है, में दुर्घटनाएं हर वर्ष होती है, लेकिन जिला पुलिस एवं प्रशासन इस ओर कभी स्थायी निदान निकालने के लिए सतर्कता नहीं रखता है। इस बार भी एक युवक की मौत हो चुकी है, जबकि वर्षाकाल में अभी 2 माह शेष है।
कालियादेह महल (Kaliadeh Palace) को इसप्रकार से शिप्रा नदी पर बनाया गया है कि इसके आगे एवं पिछे से शिप्रा नदी बहकर निकलती है। आगे की ओर 52 कुण्ड बने हुए हैं वहीं पिछे की ओर बेसाल्ट चट्टाने उभरी हुई हैं। यहां नदी पर स्टॉप डेम बना हुआ है। त्रिवेणी से शिप्रा एवं कान्ह नदी का पानी शिप्रा नदी में समाता है तथा वह बहते हुए कालियादेह महल के सामने एवं पिछे वाले बहाव क्षेत्र से होकर जाता है। इसमें उज्जैन शहर का मल-जल भी शामिल रहता है।



पानी का बहाव अत्यधिक तेज होने के कारण यहां 52 कुण्ड में पानी की रचनाएं दिखती है वहीं पिछे की ओर छोटे झरने जन्म ले लेते हैं। इनमें अठखेलियां करने के लिए युवा नहाने के लिए कूद जाते हैं। 52 कुण्ड अपने अंदर पानी की रचना समेटे हुए है, लेकिन भुलभुलैया जैसी। यही कारण है कि तेरने के शौकिन युवा जब इनमें कूदते हैं तो वे अंदर कहीं भुलभुलैया में उलझ जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। यह क्रम सालों से चल रहा है।

डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग का छात्र रोहित पुत्र बृजमोहन निवासी पोलायखुर्द गांव, जिला शाजापुर हाल मुकाम एलांस सिटी अपने कॉलेज के मित्रों श्याम, संजय, रोहित आदि के साथ सोमवार को कालियादेह महल घुमने गया। कुण्ड के आखिरी हिस्से जहां कुण्ड का पानी पुन: नदी में गिरता है, सेल्फी लेने लगे। संतुलन बिगडऩे पर रोहित नदी में गिर गया। उसका साथी उसे बचाने नदी में कूदा, लेकिन बहाव अत्यधिक होने के कारण वह बाहर आ गया। भैरवगढ़ पुलिस को सूचना मिली तो होमगार्ड के गोताखोर आए और रोहित के शव को निकाला। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले किया गया।
इस संबंध में एएसपी अमरेंद्रसिंह के अनुसार पुलिस पाइंट मौके पर रहता है। आनेवालों को चेतावनी भी दी जाती है, लेकिन लोग जानबूझकर जानजोखिम में डालते हैं और हादसे हो जाते हैं। ये एरिया बारिश में पूर्णत: प्रतिबंधित हो,तभी मौतों पर रोक लग सकती है।

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