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देश में पहली बार ट्रांसजेंडर पुलिस बटालियन, मिलेगा 40 हजार ट्रांसजेंडरों को लाभ

 

पटना। बिहार में सरकार ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) के लिए पुलिस बटालियन तैयार करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में अगर यह हुआ तो बिहार देश में शायद पहला ऐसा राज्य होगा, जहां ट्रांसजेंडर(किन्नर) पुलिस बटालियन होगा, क्‍योंकि पटना हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि बिहार में चल रही कॉन्स्टेबल भर्ती प्रक्रिया में संविधान के प्रावधान का पालन नहीं किया गया है, क्योंकि इसमें ट्रांसजेंडर श्रेणी के लिए आवेदन का कोई प्रावधान नहीं किया गया था।

अदालत ने राज्य सरकार को तुरंत इस मामले को देखने, सुधारात्मक कार्रवाई करने और अगले आदेश तक अभ्यर्थियों की अंतिम सूची तय करने की प्रक्रिया स्थगित करने का निर्देश दिया।

बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार के इस फैसले बिहार में 18 साल की उम्र पार कर चुके 40 हजार ट्रांसजेंडरों को लाभ मिलेगा. पुलिस मुख्यालय से इस संबंध नें प्रस्ताव तैयार किया है। दरअसल, पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट ने सिपाही भर्ती परीक्षा में ट्रासंजेंडरों(किन्नरों) के लिए आवेदन में जगह नहीं देने को लेकर वीरा यादव ने याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से जवाब मांगा था कि ट्रांसजेंडरों के लिए क्या व्यवस्था की गई है।

अब हाईकोर्ट की इस दखल के बाद सरकार ने तय किया है कि ट्रांसजेंडरों के लिए एक अलग बटालियन की नियुक्ति की जाएगी. अगर राज्य सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है बिहार देश में पहला राज्य बन जाएगा, जहां पुलिस में ट्रांसजेंडरों की अलग बटालियन होगी।

इस तरह से बिहार में पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के बाद नीतीश सरकार का यह बहुत बड़ा फैसला हो जायेगा. सूत्रों के अनुसार अपर मुख्य गृह सचिव आमिर सुभानी ने भी इस बात के संकेत दिया है कि राज्य सरकार बिहार पुलिस में ट्रांसजेंडरों को समर्पित एक बटालियन बनाने पर विचार कर रही है। वहीं, इस संबंध में एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा कि बटालियन बनाने की चर्चा सरकारी स्तर पर चल रही है। एक बार सरकार से मंजूरी मिल जाए तो हम चयन के लिए मापदंड और भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में उच्च स्तरीय बैठक शुरू कर दी है।

अधिकारियों की सहमति के बाद संचिका को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा। इससे पहले राज्य सरकार ने इस साल 26 फरवरी को फरवरी को राज्य पुलिस ने आदिवासी महिलाओं और लड़कियों के लिए ‘स्वाभिमान वाहिनी’ बनाने का निर्णय लिया था।

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