वाराणसी । बनारस रेल इंजन कारखाना Banaras (Rail Engine Factory) (बरेका) ने बुधवार को फिर सफलता की नई इबारत लिखी। बरेका में निर्मित दो रेल इंजनों को मोजांबिक Mozambique (Africa) को निर्यात किया गया। केन्द्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने वर्चुअल इंजनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कहा कि आत्मनिर्भर भारत की भावना के तहत, इन केप गेज डीजल लोको को भारत में निर्मित किया गया है। यह बरेका का पहला एसी-एसी ट्रैक्शन सिस्टम 3000 एचपी, केप गेज लोको है। इन लोकोमोटिव की क्षमता 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 2255 टन है।
उन्होंने कहा कि मोज़ाम्बिक को इंजनों के निर्यात से भारत-अफ्रीकी संबंध मजबूत होंगे। निर्यात के माध्यम से आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय रेलवे 3000 एचपी गेज लोकोमोटिव के 6 लोकोमोटिव और 90 स्टेनलेस स्टील यात्री डिब्बों के कुल क्रम के हिस्से के रूप में 2 लोकोमोटिव के पहले बैच का निर्यात हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इन लोकोमोटिव को मेक-इन-इंडिया (Make in India) के तहत बनारस लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, इन्हें भारतीय रेलवे के पीएसयू, राइट्स लिमिटेड के माध्यम से निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में यात्री और फ्रेट ट्रेनें दिसंबर 2023 तक डीजल इंजनों से मुक्त हो जाएंगी। सभी ट्रेनें केवल विद्युत रेल इंजनों से दौड़ेंगी। भारतीय रेल (Indian Rail) ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश बनेगा। इससे यात्रियों को सहूलियत होगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन कम होने से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम होगा। इस उपलब्धि में बनारस रेल इंजन कारखाना का अहम योगदान है।
इस दौरान केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय व रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीएमडी,मोजांबिक के परिवहन एवं संचार मंत्री जनफर अब्दुलाई भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े रहे।
केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने इस मौके पर जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मोजांबिक यात्रा का उल्लेख कर कहा कि आज रेल इंजनों का निर्यात उसी दृष्टि का परिणाम है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण केवल भारत के लिए नहीं है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए अच्छी गुणवत्ता और लागत प्रभावी उत्पाद विकसित करना है। रेलमंत्री के नेतृत्व में, बरेका से बाहर निकले ये दो लोको प्रधानमंत्री के आत्मानिभर भारत की वास्तविक दृष्टि का एक उदाहरण है। यह भारत के कौशल कार्य बल का एक उदाहरण है।
बरेका की महाप्रबंधक अंजली गोयल ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कड़ी मेहनत एवं लगन का परिणाम बताया। उन्होंने बरेका द्वारा निर्मित रेल इंजन के तकनीकी फीचर को विस्ताणरपूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि बनारस रेल इंजन कारखाना को वर्तमान वित्तिय वर्ष में मोजांबिक सरकार से 3000 एचपी केप गेज के 06 अत्यााधुनिक तकनीक के रेल इंजनों का निर्यात आदेश प्राप्त हुआ था। यह रेल इंजन अत्याधुनिक तकनीक से युक्त है। शेष 04 रेल इंजन अभी निर्माणाधीन है।
इस अवसर पर बरेका में आयोजित समारोह में प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर, विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह, सौरभ श्रीवास्तव, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा के साथ सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी परिषद के पदाधिकारी मौजूद रहे।