ज़रा हटके देश

चौथी पास शख्‍स की साजिश, 6 साल तक चकरघिन्‍नी बनी रही 4 राज्‍यों की पुलिस

नई दिल्ली (New Delhi)। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के एक चौथी पास शख्‍स (fourth pass person) ने ऐसी साजिश रची, जिसका खुलासा संयुक्‍त अरब अमीरात (United Arab Emirates) के एयर बार्डर कंट्रोल (एसीबी) (Air Border Control (ACB) के अधिकारियों ने किया और देखते ही देखते भारत (India) के चार राज्‍यों की पुलिस (Police of four states) आरोपी की तलाश में एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य भागती नजर आईं. करीब छह साल चली लंबी मशक्‍कत के बाद आखिरकार इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआईए) (Gandhi International Airport (IGIA) को बड़ी सफलता मिली और साजिश के मास्‍टरमाइंड को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया।


आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, इस मामले के मुख्‍य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी उस वक्‍त की गई है, जब वह पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए मुंबई एयरपोर्ट से मस्‍कट भागने की कोशिश में था. आरोपी की पहचान गुलाम दोस्‍तोगिर मिस्‍त्री के रूप में हुई है. वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के विष्‍णुपुर इलाके के राजगोहलिया गांव का रहने वाला है. आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/468/471/120B के तहत एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई है।

क्‍या है पूरा मामला?
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, इस मामले की शुरूआत 12 जुलाई 2018 को हुई थी. 12 जुलाई 2018 को आईजीआई एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारियों ने हशीबुल जामदार नाम के 27 वर्षीय एक युवक को हिरासत में लिया था। पश्चिम बंगाल के 24 दक्षिण परगना जिला के अंतर्गत आने वाले दादनमारा मिश्रा पारा गांव के निवासी हशीबुल जामदार को संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) की एयर बार्डर कंट्रोल (एसीबी) ने आईजीआई एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट किया था।

डिपोर्टेशन डॉक्‍यूमेंट्स की जांच में इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारियों को पता चला कि हशीबुल 11 जुलाई 2018 को आईजीआई एयरपोर्ट से दुबई एयरपोर्ट लिए रवाना हुआ था. हशीबुल की यह रवानगी यूएई स्‍पेशल लॉन्‍ग टर्म एंट्री परमिट विजिट/टूरिस्‍ट वीजा पर हुई थी, जो यूएई अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाने वाला एक तरह का पेपर वीजा है. दुबई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद जांच में हशीबुल के पास मौजूद इस पेपर वीजा को फर्जी पाया गया, जिसके बाद एसीबी के अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया।

फिर यूएई में क्‍या हुआ?
यूएई के दुबई एयरपोर्ट पर हिरासत में लिए जाने के बाद एयर बॉर्डर कंट्रोल के अधिकारियों ने हशीबुल से लंबी पूछताछ की. पूछताछ में सामने आए हशीबुल के बयान के आधार पर उसे जल्‍द से जल्‍द दिल्‍ली के आईजीआई एयरपोर्ट डिपोर्ट करने का फैसला किया गया. अगले ही दिन, उसे जेट एयरवेज की फ्लाइट 9W-545 से आईजीआई एयरपोर्ट के लिए रवाना कर दिया गया. आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आरोपी को जेट एयरवेज स्‍टाफ ने सभी दस्‍तावेजों के साथ इमीग्रेशन ब्‍यूरो के हवाले कर दिया।

सभी दस्‍तावेजों की जांच और विस्‍तृत पूछताछ के बाद इमीग्रेशन ब्‍यूरो ने आरोपी हशीबुल को आगे की जांच के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी हशीबुल जामदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/468/471/120B के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसे यह वीजा एक लाख रुपए के एवज में गुलाम दोस्‍तोगिर मिस्‍त्री और उसके सहयोगी कंवर पाल नाम के शख्‍स ने उपलब्‍ध कराया था।

कहां-कहां हुई छापेमारी?
आरोपी हशीबुल के खुलासे के बाद दोनों साजिशकर्ताओं की तलाश के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्‍टेशन के एसएचओ विजेंद्र राणा के नेतृत्‍व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई सुरेश चंद्र और हेडकॉन्‍स्‍टेबल विनोद भी शामिल थे. हशीबुल की निशानदेही के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट की एक टीम पश्चिम बंगाल, तो दूसरी टीम को उत्‍तराखंड के हरिद्वार के लिए रवाना कर दिया गया. लेकिन, दोनों ही जगहों पर आरोपी खुद को पुलिस की गिरफ्त से बचाने में कामयाब रहे।

जिसके बाद, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने देश के सभी एयरपोर्ट को अलर्ट करते हुए पश्चिम बंगाल और उत्‍तराखंड पुलिस को आरोपियों की धरपकड़ के लिए सूचित कर दिया. लगभग 2 साल तक लगातार कोशिशों के बावजूद दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बचते रहे. वहीं सितंबर 2020 में मिली इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने कंवर पाल को उत्‍तराखंड के हरिद्वार के एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं मामले का मास्‍टरमाइंड अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।

 

कैसे मिली आखिरी कामयाबी?
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, करीब 6 साल की लंबी कवायद के बाद इंटेलीजेंस इनपुट मिला कि मामले का मुख्‍य आरोपी गुलाम दोस्‍तोगिर मिस्‍त्री मुंबई के रास्‍ते विदेश भागने की फिरांक में है. इस इनपुट के बाद मुंबई पुलिस के साथ एयरपोर्ट एजेंसी को भी अलर्ट कर दिया गया. साथ ही, दिल्‍ली पुलिस की एक टीम को मुंबई एयरपोर्ट के लिए रवाना कर‍ दिया गया. आखिरकार, 6 साल बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी गुलाम को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया।

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