उज्जैन। उज्जैन जिले में मोहर्रम जुलूस के दौरान बवाल हो गया है। शहर के खजूर वाली मस्जिद के पास मुस्लिम समाज के लोगों ने नियम कायदों के खिलाफ जाकर पुलिस बैरिकेड गिरा दिए और प्रतिबंधित रास्ते पर मोहर्रम का घोड़ा ले जाने लगे। पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए लाठीचार्ज किया। पुलिस ने मुहर्रम जुलूस के आयोजक इरफान खान उर्फ लल्ला और उसके 15 साथियों पर मामला दर्ज कर लिया है।
दरअसल, उज्जैन शहर में हर साल की तरह इस साल भी मोहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा था। जुलूस के तीन दिन पहले ही पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों, मोहर्रम जुलूस के आयोजक और मुस्लिम समाज के वरिष्ठ लोगों की बैठक हुई थी। जिसमें मोहर्रम जुलूस का मार्ग तय किया गया था। उस मार्ग पर मुस्लिम समाज के वरिष्ठ लोगों ने लिखित रूप में सहमति भी जताई थी।
तय मार्ग के अनुसार मोहर्रम का जुलूस निकाला जाना था। लेकिन बेगम बाग क्षेत्र के घोड़ा समाज के लोग खजूर वाली मस्जिद चौराहा पर जुलूस लेकर पहुंचे। यहां से निकास चौराहे की ओर जाना था, परंतु वे जुलूस को अब्दालपूरा क्षेत्र की ओर ले जाने लगे। यह तय मार्ग के खिलाफ था। जुलूस में शामिल लोग घोड़े को लेकर पुलिस बैरिकेड गिराते हुए तेजी से आगे बढ़ने। मौके पर मौजूद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और लाठी चार्ज कर दिया। इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
मामले को लेकर एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि बैठक में जो रास्ता तय किया गया था उसके खिलाफ जाकर जबरन प्रतिबंधित रास्ते से घोड़ा ले जाया जा रहा था। जब उपद्रवियों ने बैरिकेड तोड़ना शुरू किया, तब पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उन्होंने बताया कि आयोजक इरफान खान उर्फ लल्ला और उसके 15 साथियों पर मामला दर्ज किया गया है।
वहीं इस मामले को लेकर ईद मिलादुन्नबी जुलूस कमेटी के सहसचिव एडवोकेट मकसूद अली का कहना है कि कुछ लोगों ने तय मार्ग का उल्लंघन किया है। वे गलत मार्ग पर जुलूस ले जा रहे थे। जबरन घुसने लगे। जब पुलिस कंट्रोल रूम पर बैठक में सब कुछ तय हो चुका था इसके बावजूद कुछ लोगों ने समाज को हंसी का पात्र बनाया है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जो समाज के वरिष्ठ लोग पुलिस के साथ मीटिंग में शामिल थे उन पर भी कार्रवाई हो।
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