उज्जैन। लंबे इंतजार के बाद श्रद्धालुओं (pilgrims) के लिए महाकाल मंदिर (Mahakal Templa) में होने वाली भस्म आरती (Bhasma Aarti) के गेट खोले जा रहे हैं. अगले हफ्ते से श्रद्धालु इसमें शामिल हो सकेंगे. कोरोना (Corona) के कारण लंबे समय से इस पर रोक थी. लेकिन अभी भी सिर्फ 50 फीसदी क्षमता (50 percent capacity) से ही इसमें प्रवेश दिया जाएगा और नंदी हॉल में एंट्री पर रोक रहेगी.
महाकाल मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि अब भस्म आरती में श्रद्धालुओं को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ प्रवेश दिया जाएगा. लेकिन नंदी हाल पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा. इसके साथ ही जल्द ही अब सभी वीआईपी को मंदिर में प्रवेश के लिए 100 रुपए दान राशि जमा करानी होगी. कोरोना के कारण एक साल पांच महीने और 15 दिन से भस्म आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद था. जो अब अगले सप्ताह से खुल जाएगा।
डेढ़ साल से बंद था प्रवेश
कोरोना फैलते ही 17 मार्च 2020 से महाकाल की भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. गुरुवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों और मंदिर समिति के सदस्यों की बैठक हुई. इसमें भस्म आरती में प्रवेश और अगले सोमवार को निकलने वाली भगवान की शाही सवारी के सम्बन्ध में चर्चा की गई. इसमें निर्णय लिया गया कि बीते डेढ़ वर्षों से लागू प्रतिबंध हटाकर अब अगले सप्ताह से भस्म आरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाए।
50 फीसदी क्षमता के साथ प्रवेश
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि नंदी हॉल में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. लेकिन गणेश मंडपम, कार्तिकेय मंडपम में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को आने की इजाजत रहेगी. लेकिन उन्हें ऑनलाइन बुकिंग कराना होगी. महाकाल मंदिर में कुल 1850 श्रद्धालु एक साथ बैठकर भस्मारती में सम्मलित हो सकते हैं. अब शुक्रवार को होने वाली मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि भस्म आरती में कैसी व्यवस्था होगी।
100 रुपये का टिकट
इसके साथ ही एक और बड़ा निर्णय आज बैठक में लिया गया जिसमें अब प्रोटोकॉल से मंदिर दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं को 100 रुपए की दान राशि का टिकट लेना होगा. अगले सोमवार को निकलने वाली महाकाल की शाही सवारी इस बार भी परिवर्तित मार्ग से ही निकाली जाएगी. कोविड प्रोटोकॉल के कारण आमजनता के उसमें शामिल होने पर रोक रहेगी. सवारी में पुलिस बैंड अपनी सेवा देगा।