उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News) मध्‍यप्रदेश

उज्जैन का झिंझर काण्ड: आईएएस व आईपीएस अधिकारी मुख्यमंत्री के निशाने पर

उज्जैन। शहर में झिंझर काण्ड सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जिस तेजी से एसीएस के साथ तीन सदस्यीय एसआईटी की टीम उज्‍जैन भेजी और जांच करवाई। उसे अब लगा रहा है कि सीएम के निशाने पर कई बड़े अधिकारी भी आ सकते हैं।
एसीएस डॉ.राजेश राजोरा ने जो रिपोर्ट सीएम को सौपी है,उसमें चौकाने वाले तथ्य शामिल है। इस टीम के द्वारा सर्किट हाउस पर एक घण्टे तक साक्ष्य को लेकर नागरिक क्षेत्रों से जो जानकारियां मांगी थी, उसके अलावा भी उनके पास अनेक तथ्य पहुंचे थे। जो बताते हैं कि लापरवाहियों की कड़ी हर तरफ जुड़ रही है। इधर इस पूरे मामले में जिले के कतिपय जनप्रतिनिधि और संगठन से जुड़े नेता आदि भी सक्रिय हो गए हैं। एक ओर जहां एसीएस की रिपोर्ट व्यवस्था की खामियां उजागर कर रही है वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों एवं संगठन से जुड़े लोगों की पूरी टीम मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष को इस बात के लिए तैयार कर रही है कि जब पिच तैयार है तो पूरा ओवर खेलो .एक दो बाउंसर से काम नहीं चलेगा। इसी बात को लेकर समझा जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं प्रदेश अध्यक्ष वी.डी.शर्मा के बीच गुफ्तगु हो चुकी है। इसके परिणाम शीघ्र ही सामने आनेवाले हैं।
सूत्रों का कहना है कि जो नाम उज्जैन से गए हैं और जिन बातों का एसीएस ने अपने प्रतिवेदन में जिक्र किया है, उस अनुसार संभाग-उज्जैन स्तर के आयएएस-आयपीएस के अलावा खाराकुआ/महाकाल थाने का पूरा स्टॉफ और नगर निगम के कतिपय अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। ऐसा होने पर भाजपा का सोच है कि प्रदेश में हो रहे उप चुनावों में कांग्रेस के हाथ से मुद्दा जाता रहेगा। वरना मतदाताओं पर विपरित असर गिरेगा। ज्ञात रहे कांग्रेस पूरे प्रदेश में इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री से इस्तिफे की मांग को लेकर धरना आंदोलन करने जा रही है।

Share:

Next Post

अफीम किसान कांट रहे नारकोटिक्टस कार्यालय के चक्कर

Tue Oct 20 , 2020
मंदसौर। प्रतिवर्ष केंद्र सरकार द्वारा अफीम नीति सितम्बर माह के अंत तक घोषित कर दी जाती है, लेकिन इस वर्ष अक्टूबर माह भी अंतिम दिनों में चल रहा है, अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा अफीम नीति घोषित नहीं की है। जिसके कारण क्षेत्र के किसान परेशान होकर केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों कार्यालय के चक्कर कांट रहे […]