- एक्टिव केस दो ही रह गए-एक मरीज होम आइसोलेशन में, दूसरा भर्ती
उज्जैन। जिले में कोरोना की तीसरी लहर रवानगी की कगार पर पहुंच गई है। कोरोना से पूरी तरह मुक्त होने में जिले को अब उपचाररत केवल दो मरीजों के ठीक होने का इंतजार है। इनमें से एक मरीज का घर पर उपचार चल रहा है, जबकि एक अस्पताल में भर्ती है।
कोरोना वायरस नियंत्रण जिला नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने बताया कि कोरोना की चौथी लहर से भी जिला पार पाने के काफी नजदीक पहुंच गया है। कल रात 159 संदिग्ध लोगों के सेंपल कोरोना जांच के लिए लाए थे, लेकिन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए कोविड डेडिकेटेड माधव नगर तथा अन्य अस्पतालों के अलावा कोविड डेडिकेटेड हेल्थ सेंटरों पर 1033 बेड तैयार रखे गए थे ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके और मरीजों को कोरोना का उपचार तत्काल मिल सके। पहली लहर से सबक लेते हुए दूसरी लहर में ही पूरे जिले में मरीजों के लिए ऑक्सीजन युक्त वार्ड और सामान्य वार्ड के अलावा माधव नगर अस्पताल, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज आदि स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट को भी रेडी रखा गया था।
उन्होंने बताया कि हालांकि तीसरी लहर में अभी तक जो मरीज मिले वे 99 प्रतिशत तक सामान्य लक्षणों वाले ही मिले और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी। यह सारे मरीज होम आइसोलेशन में उपचार लेकर ठीक होते रहे। इसके अलावा तीसरी लहर से पार पाने में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के साथ-साथ लोगों ने भी संक्रमण से बचाव की शर्तों का पालन किया। यही कारण है कि आज जिले में मौजूद कोरोना उपचार के लिए 1033 बेड में से सिर्फ 1 बेड पर ही भर्ती मरीज का उपचार चल रहा है और दूसरे का घर पर। जल्द ही यह मरीज ठीक होंगे और जिला पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो जाएगा।
तीसरी लहर में 5 मौतें
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मौजूदा उपचाररत दो मरीज को मिलाकर जिले में कोरोना महामारी के आरंभ से अब तक 24 हजार 564 मरीज मिले हैं और 7 लाख 45 हजार 922 संदिग्धों के सेंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 24 हजार 384 मरीज उपचार के बाद ठीक हुए हैं। वहीं कोरोना की दूसरी लहर तक जिले में 172 मरीजों की जान गई थी, जबकि तीसरी लहर में 5 और मरीजों की मौतें होने के बाद कोरोना से अब तक मरने वालों की 178 हो गई है।