भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

संघ का दबाव… सिंधिया खेेमे से छिनेगा राजस्व विभाग

  • निशाने पर जमकर माल कूटने वाले मंत्री
  • दिल्ली में मप्र को लेकर बैठक, हिंदुत्य का एजेंडा चलेगा, दंगों जैसे हालात नहीं बनेंगे

भोपाल। मप्र के सियासी भविष्य को लेकर अब दिल्ली में बैठकें होने लगी हैं। गुरुवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि अब आगे से मप्र के भाजपा संगठन और सरकार से जुड़े फैसले दिल्ली से ही होंगे। संघ नेताओं की मप्र भाजपा नेताओं के साथ हुई बैठक में मंत्रियों के स्टाफ में प्रायवेट लोगों तैनाती से लेकर मंत्रियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार, आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति, धार्मिक आयोजन एवं हिन्दुत्व जैसे विषयों पर चर्चा हुई। साथ ही संघ नेताओं ने राजस्व विभाग की कमान दूसरे मंत्री को सौंपने के संकेत भी दे दिए हैं। संभवत: निकट भविष्य में होने वाले मंत्रिमंडल फेरबदल में राजस्व विभाग संघ समर्थक मंत्री को मिल सकता है।



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रदेश भाजपा संगठन की करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठक में अगले चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हुई। जिसमें हिन्दुत्व का मुद्दा मप्र में जोर पकड़ेगा, लेकिन अब दंगों के हालात नहीं बनने चाहिए। विशेष विचाराधारा से जुड़ी संस्थाओं के काम में अड़ंगा लगाने वाले अफसरों पर भी तबादले की गाज गिर सकती है। दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के निवास पर आयोजित बैठक में संघ की ओर से भाजपा और संघ के बीच समन्वय का काम देखने वाले सर सह कार्यवाह अरूण कुमार, मध्यक्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते, क्षेत्र कार्यवाह अशोक अग्रवाल और मध्यभारत प्रांत के प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर शामिल हुए। इसी तरह भाजपा की ओर से राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद रहे।

संघ की चली तो होगा बड़ा बदलाव
यह पहली बार है कि संघ नेताओं की सरकार के कामकाज को लेकर भाजपा नेताओं के साथ बैठक हुई है। मप्र के सियासी नजरिए से इसके अहम माना जा रहा है। संंघ की चली तो मप्र में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। जिसमें मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर फेरबदल, अजा-अजजा, ओबीसी वर्ग को ज्यादा प्रतिनिधित्व, भ्रष्ट मंत्रियों के पर करतने, विवादित नौकरशाहों के तबादले। अब संघ का सरकार में ज्यादा दखल देखने को मिलेगा। कुछ संस्थाओं के जमीन एवं अन्य काम जल्द निपटेंगे।

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