ज़रा हटके देश

अनोखा प्‍यार: मालिक की मौत पर श्मशान पहुंचा बछड़ा, शव की परिक्रमा कर बहाए आंसू

हजारीबाग. जानवर और इंसानों (animals and humans) के बीच प्रेम के कई सारे मामले सामने आते रहते हैं. लेकिन इस घटना ने हर किसी को झकझोर कर दिया. यह मामला हजारीबाग (Hazaribagh) जिले का है, जहां एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके घर में पल रहा बछड़ा (calf) उसके शव के पास पहुंच गया. उसने शव की परिक्रमा कर अपने मालिक के पैर और माथे को चूम लिया. यह नजारा देख लोग दंग रह गए. झारखंड के हजारीबाग में इंसान और पशु प्रेम की यह अनोखी घटना (unique event) पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. हजारीबाग के चैथी गांव में एक बछड़ा अपने मालिक की मौत पर अंतिम संस्कार (Funeral) में श्मशान घाट पहुंच गया. वह श्मशान घाट पहुंचकर खूब रोया और मालिक के शव (owner’s body) को चूमा भी.



इतना ही नहीं उसने चिता पर रखे शव की अन्य लोगों के साथ परिक्रमा भी की और दांत से दबा लकड़ी भी लाकर चिता पर रखी. बताया जा रहा कि वह वहां से नहीं तब तक नहीं हटा जब तक पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन नहीं हो गया. एकाएक श्मशान घाट में जब बछड़े को शव के पास आकर रंभाता देख लोगों ने पहले तो उसे भगाने की कोशिश की पर वह बार-बार शव के पास आने लगा. इसके बाद वहां मौजूद बुजुर्ग के कहने पर जब उसे शव के पास जाने दिया गया तो उसने शव को चूमा और फिर रंभाने लगा. लोगों ने बछड़े को स्नान कराया और इसके बाद उसे अंतिम संस्कार की रस्म में शामिल कराया गया.

तीन माह पहले बछड़े को मेवालाल ने बेच दिया था. पूरा मामला ग्राम पपरो का है, जहां मेवालाल ठाकुर की मौत हो गई थी. जिसके पास एक गाय थी. गाय ने एक बछड़ा दिया. उसने बछड़ा को 3 माह पहले दूसरे गांव के किसान को बेच दिया. जब मेवालाल ठाकुर की मौत हो गई तो वह बछड़ा गांव पहुंच गया और रोने लगा. यही नहीं उसके अर्थी पर रखे शव के माथे और पैर को भी चूमा. तब तक वह वहां से नहीं हटा जब तक उसका पाथिर्व शरीर पंचतत्व में विलीन न हो गया. कपड़े से ढके शव से कपड़ा हटा सर को चूमा फिर पैर के पास जाकर रोने लगा.

मालिक के मौत के बाद श्मशान घाट में पहुंचे बछड़े को शव के पास आकर रंभाता देख लोगों ने पहले इसे हल्के में लियाय फिर डंडे से मारकर भगाने की कोशिश की. लेकिन उनकी आंखे तब फटी की फटी रह गई जब बछड़ा बार-बार शव के आस आने लगा. वृद्धों के कहने पर जब उसे शव के पास जाने दिया गया तो वह ढके मुंह को हटाकर चुमा और फिर पैर को चूमकर रंभाने लगा. यह दृश्य देखकर हर एक की आंखे नम हो गईं और उसे लोगों ने नि:संतान मृतक मेवालाल का पुत्र की संज्ञा देकर दाह संस्कार में शामिल भी कराया. यह पूरी घटना लोागों ने अपने कैमरे में कैद किया.

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