विदेश

इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा, संसद के अंदर घुसकर पुलिस एक्‍शन पर भड़के जमीयत नेता

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) के खिलाफ विपक्ष के लाए अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) से देश भर में हंगामा हो रहा है। गृहमंत्री शेख राशिद(Home Minister Sheikh Rashid) के इशारे पर पुलिस (Police) द्वारा संसद के अंदर बने लॉज में छापा मारकर 19 लोगों को गिरफ्तार (19 people arrested) करने के बाद हालात उग्र हो गए हैं। जमीयत कार्यकर्ताओं ने देश भर की सड़कें जाम करने की चेतावनी दी है। हालांकि नेतृत्व ने इस योजना को रोकने के लिए कहा है।
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान(Pakistan) के पुलिसकर्मी देवबंदी इस्लामी पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) के कार्यकर्ता अंसार-उल-इस्लाम के सदस्यों को पकड़ने के लिए पहुंचे थे। पुलिस ने देर रात तक चार सांसदों और दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इससे भड़के जमीयत के सदस्यों ने देशभर में जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।



पेशावर में तो उन्होंने पाकिस्तानी सेना के जवानों को घेर लिया और पीछे भागने के लिए मजबूर किया। इस्लामाबाद में कई सांसदों ने संसद के लॉज में हुई कार्रवाई के विरोध में गिरफ्तारियां दीं। लाहौर में जमीयत के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और सरकार का विरोध किया। इस्लामाबाद पुलिस की कार्रवाई से भड़के जमीयत नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने पहले कार्यकर्ताओं से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया लेकिन बाद में सांसदों व कार्यकर्ताओं की रिहाई के बाद इसे रोक दिया।

170 से ज्यादा सांसद हमारे साथ : पीडीएम
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान ने दावा किया है कि संयुक्त विपक्ष को संसद में 172 से ज्यादा सदस्यों का समर्थन हासिल है। रहमान ने कहा कि पीडीएम ने इमरान की पार्टी पीटीआई के सहयोगियों पीएमएल-क्यू), ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस, एमक्यूएम-पी और बलूचिस्तान अवामी पार्टी के साथ संपर्क बनाया हुआ है।

इमरान की पार्टी विदेशी फंडिंग मामले में देरी का हथकंडा अपना रही : विपक्ष
पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने देश के चुनाव आयोग (ईसीपी) से सत्तारूढ़ पाकिस्तान तरहीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के खिलाफ विदेशी फंडिंग मामले पर बिना किसी देरी के फैसला करने का आग्रह किया है। उसने आरोप लगाया कि इमरान खान की पार्टी इससे बचने के लिए देरी की रणनीति का इस्तेमाल कर रही है। ईसीपी ने कम से कम 75 मौकों पर मामले की सुनवाई की और पीटीआई को दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड दाखिल करने का निर्देश देते हुए कम से कम 21 आदेश पारित किए, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है। इस मुद्दे को लेकर पीएमएल-एन, पीपीपी और जमात उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रतिनिधियों सहित साझा विपक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) से मुलाकात भी की।

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