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US: चीन के बारे में टिकटॉक के CEO से लंबी पूछताछ, भारत के प्रतिबंध को बताया ‘काल्पनिक’

वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) की बढ़ती सुरक्षा चिंताओं (growing security concerns) और टिकटॉक (TikTok) कंपनी पर चीनी सरकार (Chinese government) के संभावित प्रभाव के बीच टिकटॉक के सीईओ शाउ जी च्यू (Shou Zi Chew) ने गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) के सामने गवाही दी। कांग्रेस समिति के समक्ष शाउ जी च्यू की यह पहली उपस्थिति है। दरअसल, चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉक पर आरोप है कि वह अपने डाटा चीन की सेना- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को मुहैया कराता है।

च्यू को अमेरिकी हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी से प्रतिकूल पूछताछ का सामना करना पड़ा। पूछताछ के दौरान च्यू ने बार-बार यह जताने की कोशिशि की कि उनकी कंपनी टिकटॉक अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए वास्तविक रूप से कार्रवाई कर रही है।

 


चार घंटे की लंबी सुनवाई के दौरान च्यू ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी बाइटडांस (Bytedance) के स्वामित्व वाले टिकटॉक एप लंबे समय से कहता आ रहा है कि यह चीनी सरकार के साथ डाटा साझा नहीं करता है और यह अमेरिका में अपने 15 करोड़ उपयोगकर्ताओं के लिए जोखिम पैदा नहीं करता है और न ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ अपना डाटा साझा करता है।

अमेरिकी सांसद डेब्बी लेस्को (Debbie Lesko) ने पूछताछ के दौरान भारत और अन्य देशों का हवाला दिया, जिन्होंने हाल ही में किसी न किसी रूप में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेस्को ने च्यू से पूछा, यह (टिकटॉक) एक ऐसा उपकरण है जो अंततः चीनी सरकार के नियंत्रण में है इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ये सभी देश जो टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और हमारे एफबीआई निदेशक गलत कैसे हो सकते हैं? च्यू ने जवाब दिया, मुझे लगता है कि बताए गए बहुत सारे जोखिम काल्पनिक और सैद्धांतिक जोखिम हैं। मुझे इस बारे में कोई सबूत नहीं मिला है।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की रिपब्लिकन महिला सांसद डेब्बी लेस्को ने एक बार फिर दोहराया और भारत द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर जोर दिया। भारत ने 2020 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था। मार्च में फोर्ब्स के एक लेख में खुलासा किया गया था कि किस तरह टिकटॉक का इस्तेमाल करने वाले भारतीय नागरिकों का डाटा कंपनी और उसकी बीजिंग स्थित पैरेंट कंपनी बाइटडांस के कर्मचारियों तक पहुंचाया जा रहा है।

लेस्को ने अपने सहयोगियों को बताया कि टिकटॉक के एक मौजूदा कर्मचारी ने फोर्ब्स को बताया था कि कंपनी टूल्स तक बुनियादी पहुंच रखने वाला कोई भी व्यक्ति आसानी से किसी भी उपयोगकर्ता के निकटतम संपर्क और अन्य संवेदनशील जानकारी को देख सकता है। च्यू ने इस पर जवाब दिया कि यह एक हालिया लेख है, मैंने अपनी टीम को इस पर गौर करने के लिए कहा है। हमारे पास डाटा एक्सेस के लिए कड़े प्रोटोकॉल हैं। ऐसी कोई बात नहीं है कि कोई भी कंपनी टूल्स तक पहुंच सकता है। इसलिए, मैं बहुत सारे निष्कर्षों से असहमत हूं।

भारत ने गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं को लेकर 2020 में मैसेजिंग ऐप वीचैट सहित टिकटॉक और दर्जनों अन्य चीनी एप्स पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के तुरंत बाद लगाया था। पहले कंपनियों को गोपनीयता और सुरक्षा आवश्यकताओं पर सवालों का जवाब देने का मौका दिया गया था, लेकिन बाद में प्रतिबंध को जनवरी 2021 में स्थायी कर दिया गया।

बता दें कि अमेरिकी हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी के प्रमुख कैथी मैकमॉरिस रॉजर्स ने जनवरी के अंत में एक बयान में कहा था कि टिकटॉक ने जानबूझकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी यूजर्स के डाटा तक पहुंच बनाने की अनुमति दी है। मॉरिस ने कहा था, अमेरिकियों को यह जानने का हक है कि ये कार्रवाई उनकी गोपनीयता और डाटा सुरक्षा को कैसे प्रभावित करती हैं, साथ ही टिकटॉक हमारे बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन नुकसान से सुरक्षित रखने के लिए क्या कार्रवाई कर रहा है।

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