इंदौर। जले हुए तेल (Oil) की भी अब कीमत मिलेगी। बायोडीजल प्लांट (Biodiesel Plant) में इसे रीयूज (Reuse) कर डीजल (Diesel) बनाया जाएगा। खाद्य एवं औषधि विभाग ( Food and Drug Department) की सकारात्मक पहल के बाद फर्म के सदस्य डोर-टू-डोर (Door-to-Door) तकनीक इस्तेमाल कर तेल (Oil) एकत्रित करेंगे।
अब तक शहर की होटलों(Hotels) , रेस्टोरेंट (Restaurants और खाऊ ठीयों पर एक ही तेल (Oil) को बार-बार इस्तेमाल करने की खबरों पर लगाम लगेगी। खाद्य एवं औषधि विभाग की पहल पर 35 रुपए लीटर के मान से जले हुए तेल की कीमत भी मिल सकेगी। बायोडीजल प्लांट और रजिस्टर्ड फर्म के बीच विभाग सेतु का काम कर रहा है, जिसके तहत अब ठेले वालों, होटलों द्वारा जले हुए तेल (Oil) का उपयोग न किया जाए। इसके लिए डोर-टू-डोर टेक्निक का उपयोग करते हुए तेल (Oil) कलेक्ट किया जाएगा। खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी डीके स्वामी ने बताया कि रुको ऐप के माध्यम से फर्म का रजिस्ट्रेशन भी किया गया है। शहर में कार्यरत यह संस्था बायोडीजल बनाने वाली कंपनी और व्यापारियों के बीच सेतुबंध का कार्य कर रही है। व्यापारियों और प्लांट के बीच अनुबंध कराकर तेल की बिक्री की जाएगी। रुको ऐप पर रजिस्टर्ड होकर होटल, ठीये, खोमचे वाले भी अपने तेल की बिक्री कर सकते हैं। ज्ञात हो कि रुको ऐप पर बड़े-बड़े संस्थानों का ही रजिस्ट्रेशन अब तक हो सका है, जबकि देखा जाए तो ठेले, छोटे-छोटे खाऊ ठीयों पर छोलेपुरी, भटूरे, पकौड़े, कचौरी, समोसे आदि की बिक्री धड़ल्ले से चल रही है, जिसमें इसी तेल (Oil) का इस्तेमाल बार-बार किया जा रहा है। राजेंद्रनगर, विजयनगर, मेघदूत, गोपुर चौराहा जैसे क्षेत्रों में कई चौपाटियां संचालित की जा रही हैं, जहां तेल (Oil) बदलने की प्रक्रिया पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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