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प्राण प्रतिष्ठा समारोह के हस्तशिल्पी पूजन में इस्तेमाल होने वाले क्या-क्या पात्र तैयार कर रहे बनारस के हस्तशिल्पी

नई दिल्‍ली (New Dehli)। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के अयोध्या में तैयार राम मंदिर (Ram temple ready in Ayodhya)में 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Dignity of life)होनी है. इसको लेकर तैयारियां (preparations)जोर शोर से चल रही हैं. काशी से कर्मकांडी विद्वान प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पूजन कराएंगे. पूजन के लिए मुहूर्त भी काशी के ही ज्योतिषियों ने निकाला है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह और पूजन से जुड़े साजो-सामान काशी के हुनरमंद हस्तशिल्पी तैयार कर रहे हैं. इनमें पांचों यज्ञ पात्र, अरणी मंथन और मंडप पर लगने वाले चारों गदा, चक्र, पद्म और शंख शामिल हैं.

वाराणसी के रामापुरा इलाके में अपने घर के भूतल पर छोटे से कारखाने में पूजन के लिए 9 ग्रह की लकड़ियों को तराशने का काम सूरज विश्वकर्मा को विरासत में मिला है. सूरज चौथी पीढ़ी के रूप में परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.


सूरज ने बताया कि कुल 10 सेट यज्ञ पात्र प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार किए जा रहे हैं. हर सेट में 5 चीजें होती हैं, इनमें घी की आहुति के लिए ‘स्रुवा’, पूर्णाहुति के ‘सुरचि’ , जल पात्र के लिए ‘प्रणिता’, घी पात्र के लिए ‘प्रोक्षणि’ और वेदी का लेख खींचने के लिए ‘खड़ग’ होता है. ये यज्ञ पात्र यज्ञ के दौरान उपयोग होते हैं.

सूरज ने बताया कि अयोध्या भेजे जा रहे 10 सेट में से 9 सेट नौ कुंडीय हवन कुंड के लिए तो एक राम मंदिर के वास्तु के लिए उपयोग होना है. उन्होंने बताया कि यज्ञ पात्र के अलावा यज्ञ की अग्नि पैदा करने के लिए अरणि मंथन भी तैयार कर रहे हैं, जिसके उपयोग से पैदा हुए घर्षण से अग्नि स्वत: प्रज्ज्वलित होती है.

सूरज ने बताया कि इनके अलावा वे मंडप पर लगने वाले शंख, चक्र, गदा और पद्म तैयार कर रहे हैं, जो मंडप के चारो अलग-अलग दिशाओं पर लगेगा. इन सारी सामग्री में वैकंकत की लकड़ी का उपयोग हुआ है. सिर्फ ‘अरणी मंथन’ में शमी की लकड़ी तो शंकु में पीपल की लकड़ी का प्रयोग होता चला आ रहा है. सभी पूजन के साजो सामान मानक के अनुसार सही नाप जोख से तैयार किए जाते हैं.

सूरज ने बताया कि उन्हें यह कला उनके पूर्वजों को काशी के प्रसिद्ध कर्मकांडी विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के ताऊजी गणेश दीक्षित के द्वारा सिखाई गई थी. पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे. सूरज का कहना है कि मेरे लिए गौरव की बात है कि मेरे हाथों से बने साजो सामान का उपयोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह में होने जा रहा है. अगले एक हफ्ते में अयोध्या का ऑर्डर पूरा हो जाएगा

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