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इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर नहीं बनी बात, बंगाल में ममता नहीं चाहती किसी से समझौता

नई दिल्‍ली (New Delhi) । लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बीजेपी (BJP) को हराने के लिए बने 28 दलों के गठबंधन इंडिया (india alliance) में अभी सीट शेयरिंग पर बात नहीं हो सकी है लेकिन उससे पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो टूक कह दिया है कि वह राज्य में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक बीजेपी के खिलाफ पूरे देश में लड़ेगा जबकि बंगाल में वह अकेली बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगी। वह ना तो कांग्रेस और ना ही वाम दलों के साथ समझौता करेंगी।

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए माहौल तैयार करते हुए ममता ने गुरुवार को उत्तर 24 परगना जिले के चकला में कार्यकर्ता सम्मेलन और एक रैली की और लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। बनर्जी ने CAA के मुद्दे पर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा, ”नागरिकता कार्ड हर लोकसभा चुनाव से पहले मतुआ समुदाय के वोटों को लुभाने की एक चाल है।”


बाद में तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी उठाया। टीएमसी ने लिखा,
“बीजेपी द्वारा CAA मुद्दे को हर साल उछालना लोगों को बरगलाने और वोट हासिल करने की एक चाल मात्र है। उन्होंने नागरिकता के झूठे वादों से मतुआ समुदाय को बार-बार गुमराह किया है। अगर मतुआ वैध नागरिक नहीं होते, तो उनके पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड कैसे होते और उन्हें सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ कैसे मिलता?”

चकला में मतुआ समुदाय को लुभाते हुए बनर्जी ने मतुआ बहुल उत्तर 24 परगना जिले में समुदाय के लिए किए गए विकास कार्यों के बारे में बात की। उन्होंने पूछा, मतुआ ठाकुरबाड़ी के लिए विकास का काम किसने किया? यह हमने किया। हमने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का भी निर्माण कराया लेकिन हर चुनाव से पहले, वे (भाजपा) मतुआ ठाकुरबाड़ी जाते हैं और वोट मांगते हैं और बड़े-बड़े दावे करते हैं।”

CAA के बारे में बात करते हुए बनर्जी ने लोगों को याद दिलाया कि आप सभी इस देश के नागरिक हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप इस देश के नागरिक नहीं हैं, तो आपको मुफ्त राशन, स्वास्थ्य साथी, पैन कार्ड, आधार कार्ड कैसे मिल रहा है?” बनर्जी ने जोर देकर कहा, पहले, नागरिकता कार्ड जिला मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी थी, लेकिन इसे छीन लिया गया है क्योंकि वे लोगों को बांटना चाहते हैं।”

बनर्जी ने कहा कि 1971 तक बांग्लादेश से बंगाल आए मतुआ समुदाय के लोग कॉलोनियों में रहते हैं लेकिन हम उन सभी कॉलोनियों को “चिरस्थाई ठिकाना” नाम से पट्टा दे रहे हैं ताकि उनका स्थाई आवास सुनिश्चित हो सके और उन्हें शरणार्थियों की तरह नहीं रहना पड़े।

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