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नेपाल में इंडियन करेंसी पर सख्ती की वजह से घट रही वैल्यू!

नई दिल्‍ली (New Delhi)। नेपाल के खुदरा बाजार में भारतीय रुपए (indian rupees) के भाव में 30 साल बाद अचानक गिरावट देखने को मिल रही है! नेपाली मुद्रा (nepali currency) के मुकाबले रुपए (indian rupees) के कमजोर होने की वजह से स्थानीय व्यापारियों की टेंशन बढ़ गई है! नेपाल जाने वाले पर्यटकों पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है।

स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर भी भारतीय रुपए में आई कमी के मुद्दे को उठा रहे हैं और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि 1993 के बाद यह पहली बार है, जब नेपाल के बाजारों में भारतीय रुपए का मोल कम कर दिया गया है।



इतना ही नहीं, नेपाल के दूर-दराज के बाजारों में भारतीय रुपए चलन से बाहर भी हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल के भंसार कार्यालय (कस्टम ड्यूटी ऑफिस) और पेट्रोल पंप पर भी भारतीय रुपए अब नहीं लिए जा रहे हैं. नेपाल भारत का एक अहम पड़ोसी देश है, जिसकी सीमाएं यूपी, बिहार और उत्तराखंड से लगती है।

जानकारों के मुताबिक नेपाल में इंडियन करेंसी पर सख्ती की वजह से सीमावर्ती इलाकों में करीब-करीब 100 करोड़ रुपए के कारोबार का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों नेपाल के खुदरा बाजार में भारतीय रुपए का वैल्यू कम हो गया है?

नेपाल और भारत में करेंसी को लेकर क्या नियम है?
1957 तक नेपाल में भारतीय मुद्रा धड़ल्ले से चलन में था, लेकिन नेपाल राष्ट्र बैंक की स्थापना के बाद नियम बदल गए. नेपाल राष्ट्र बैंक से जुड़ी सुमन आचार्य और त्रिभुवन यूनिवर्सिटी के ज्योति कोइराला ने भारत-नेपाल मुद्रा विनिमय को लेकर एक शोध किया है। इसके मुताबिक रुपए ही एकमात्र मुद्रा है, जिसकी कीमत में नेपाल में निर्धारित है. बाकी मुद्राओं का मोल वक्त-वक्त पर बदलते रहता है, हालांकि, साल 1993 में नेपाल राष्ट्र बैंक और भारत सरकार ने मुद्राओं के विनिमय दर को लेकर एक संशोधित प्रस्ताव तैयार किया. इसमें कहा गया कि भारत के एक रुपए का वैल्यू नेपाली मुद्रा में 1.60 होगा. खुदरा बाजार के लिए भी यह नियम बनाया गया।

तब से यही नियम चल रहा है और इसी के सहारे बॉर्डर के आसपास इलाकों में रहने वाले लोग व्यापार करते हैं. जानकारों का कहना है कि दर फिक्स होने की वजह से नेपाल के खुदरा बाजार में आसानी से भारतीय मुद्रा प्रयोग में आ जाती थी. हालांकि, अब स्थिति बदल गई है.

कैसे खुदरा बाजार में हो रहा है खेल?
नियम के मुताबिक भारत के 100 रुपए का वैल्यू नेपाली मुद्रा में 162 का है. पहले खुदरा बाजार में 100 रुपए के बदले 160 रुपए का नेपाली नोट आसानी से मिल जाता था, लेकिन अब मार्केट में 140 रुपए मिलना भी मुश्किल हो गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक जैसे-जैसे बॉर्डर से अंदर की ओर जाते हैं, वैसे-वैसे भारतीय रुपए का भाव कम होता जा रहा है. कई जगहों पर 100 रुपए भारतीय नोट के बदले सिर्फ 135 रुपए नेपाली नोट मिल रहे हैं, वो भी बमुश्किल.
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि करोड़ों के कारोबार में यह अंतर बहुत ही बड़ा है. व्यापारियों का आरोप है कि अंतर में बढ़ोतरी की वजह से धंधा भी चौपट हो गया है.

नेपाल बॉर्डर पर तस्कर मुद्रा को इधर-उधर करने में काफी सक्रिय हैं. यहां सोना और ड्रग्स की तस्करी भारी मात्रा में होती है. भारत की अपेक्षा नेपाल में सोना सस्ता होने की वजह से नेपाल में भारतीय मुद्रा अधिक हो गई। जानकारों का कहना है कि भारतीय रुपए के मोल में कमी आने की यह भी एक वजह है।

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