- वीएलटीडी व पैनिक बटन में आपरेटर नहीं दिखा रहे दिलचस्पी, चार हजार से ज्यादा वाहनों में नहीं
भोपाल। नई यात्री बसों में कंपनी फिटेड व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) व पैनिक बटन आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश में अधिकृत कंपनियों से मेल नहीं खा रहे हैं। इस कारण नई बस का रजिसट्रेशन नहीं हो पा रहा है। रजिस्ट्रेशन के लिए आपरेटर को दोनों डिवाइस लगवाने पड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सड़कों पर दौड़ रहे यात्री बस, स्कूल बस व टैक्सी संचालकों ने दोनों डिवाइस लगवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
परिवहन विभाग ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्री बस, स्कूल बस व टैक्सी में पैनिक बटन व वीएलटीडी को अनिवार्य किया है। सर्वर भी अपडेट कर दिया है। प्रदेश में अधिकृत दस कंपनियों के वीएलटीडी नहीं है तो फिटनेस भी नहीं मिलेगी और नए वाहन का रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगा। क्योंकि नए वाहन के रजिस्ट्रेशन के दौरान दोनों डिवाइस के माडल अपलोड करने पड़ते हैं। मिसमैच होते हैं तो रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। इस कारण नए वाहन वालों पर दौहरी मार पड़ रही है। वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए दुबारा लगवाना पड़ रहे हैं। ज्ञात है कि वीएलटीडी से वाहन की लोकेशन और स्पीड का पता चलेगा। पेनिक बटन से अलर्ट मिलेगा। अगर किसी को कोई समस्या है तो वह इस पेनिक बटन को दबाकर सहायता ले सकेगा । आपको बता दें कि हर साल पूरे प्रदेश में करीब 10 लाख ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं और 15 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाए जाते हैं।
इस वजह से दिलचस्पी नहीं
नए वाहन की फिटनेस दो साल तक मान्य होती है। दो साल के बाद कामर्शियल वाहन को परिवहन विभाग से फिटनेस सर्टिफिकेट लेते हैं। एक साल तक यह मान्य होता है। जो लोग फिटनेस सर्टिफिकेट ले चुके हैं, उन्हें एक साल तक जरूरत नहीं है। इस वजह से नहीं आ रहे हैं। अभी विभाग का कंट्रोल कमांड सेंटर पूरी तरह से कार्य नहीं कर रहा है। इस वजह से विभाग भी सख्त नहीं है। वाहन चालक मालिक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। अभी हजारों से अधिक वाहनों में डिवाइस लगने हैं। गति काफी धीमी है। इस गति से डिवाइस लगते हैं तो काफी समय लग जाएगा। Share: