भोपाल। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मध्य प्रदेश में पांच करोड़ से अधिक व्यक्ति यों को दिए जा रहे राशन में गड़बड़ी को रोकने के लिए अब दो बार सत्यापन होगा। प्वाइंट आफ सेल्स मशीन (पीओएस) के माध्यम से यह सत्यापन अंगूठा लगाकर किया जाएगा। दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय और खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को यह शिकायत मिली है कि उचित मूल्य की राशन दुकानों से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारंटी के तहत मिलने वाले खाद्यान्न में से एक ही योजना का राशन दिया जा रहा है। इसके मद्देनजर नई व्यवस्था लागू की गई है। प्रदेश में एक करोड़ 11 लाख परिवारों को प्रति माह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर गेहूं, चावल और नमक का वितरण किया जाता है।
इसमें गड़बड़ी न हो, इसके लिए उपभोक्ताओं के आधार नंबर लिए गए हैं और इन्हें साफ्टवेयर के माध्यम से पीओएस मशीन से जोड़ा गया है। इसके बाद भी यह शिकायतें आ रही हैं कि उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण में गड़बड़ी हो रही है। निवाड़ी में 158 राशन दुकानों में 35 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पिछले चार साल में सामने आई है। इसके पहले राजगढ़ में कम राशन देने की शिकायत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करके जांच करा चुके हैं। खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई का कहना है कि राशन वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने, अपात्र उपभोक्ताओं की पहचान करके उनके नाम हटाने और पात्रों के नाम सूची में शामिल करने के लिए बायोमैट्रिक सत्यापन कराया जा रहा है। इसमें आधार से जुड़ी उपभोक्ताओं की जानकारियों को दुरुस्त करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण पीओएस मशीन के माध्यम से ही हो। वहीं, संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि अब दो योजना में मिलने वाले खाद्यान्न् के लिए अलग-अलग सत्यापन होगा। इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि उपभोक्ता को दोनों योजनाओं का पात्रता अनुसार खाद्यान्न् मिल गया है या नहीं। इसके लिए एसएमएस भी दिया जाएगा। Share: