भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

मंगल कार्य में विघ्न डालने वाली भद्रा के बीच घर-घर विराजेंगे विघ्नहर्ता

भोपाल। इस वर्ष मंगल कार्य में विघ्न डालने वाली शनि की बहन भद्रा के बीच हस्त नक्षत्र में विघ्नहर्ता श्री गणेश घर-घर विराजेंगे। 10 दिनी गणेशोत्सव की शुरुआत 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर होगी। इस मौके पर साध्य योग रहेगा। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों के लिए भगवान गणेश के मंदिर बंद रहेंगे। साथ ही गणेशोत्सव के सार्वजनिक आयोजन भी नहीं होंगे। ज्योतिर्विदों के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 अगस्त को रात 12:13 बजे से 22 अगस्त को रात 9:34 बजे तक होगी। इस दिन नीमच के निर्णय सागर पंचांग के अनुसार भद्रा सुबह 9:30 से शाम 7:57 बजे तक, जबकि उज्जैन के पंचांग के मुताबिक भद्रा दोपहर 12:05 से रात 9:34 बजे तक रहेगी। 21 अगस्त को रात 1:03 बजे से हस्त नक्षत्र 22 अगस्त को रात 11:27 बजे तक रहेगा। इस दिन सामवेदियों का श्रावणी उपाकर्म भी है। उपाकर्म भद्रा के पूर्व ही होगा। इस दिन रात्रि में चंद्र दर्शन निषेध माना गया है।

भद्रा को ब्रह्माजी ने दिया था वरदान
आचार्य शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि भद्रा भगवान सूर्यनारायण की पुत्री और शनि देव की सगी बहन है। भद्रा को ब्रह्माजी ने वरदान दिया था कि जो व्यक्ति तुम्हारे समय में यात्रा, गृह प्रवेश, खेती, व्यापार, उद्योग की शुरुआत करेगा, तुम उसमें विघ्न डालोगी। तुम्हारा जो अनादर करे, उसका कार्य ध्वस्त होगा। भद्रा शुक्ल पक्ष में वृश्चिकी नाम की एवं कृष्ण पक्ष में सर्पिणी नाम की होती है। भद्रा वृश्चिकी नाम की है तो इसके पुंछ भाग में ही मंगल कार्य निषेध कहा गया है। भद्रा में राखी बांधना और होलिका दहन सहित दाह संस्कार करना भी वर्जित माना गया है। इसके बावजूद चतुर्थी पर भद्रा की मौजूदगी में ही भगवान गणेश की स्थापना की जा सकती है। उनका पूजन संकट निवारण के लिए किया जाता है। उनकी पूजा में भद्रा का दोष नहीं लगता है।

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