विदेश

ताइवान जल-संधि में घुसा युद्धपोत तो भड़का चीन

बीजिंग। हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में स्वतंत्र रूप से आने-जाने की नीति पर चलते हुए अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत(US Navy Warship) ने फिर ताइवान की जल-संधि (Water treaty of taiwan) में प्रवेश(Entry) किया। इस पर चीन (China) भड़क गया है। उसने कहा है कि अमेरिका(america) उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है।
गौरतलब है कि ताइवान जल-संधि (Water treaty of taiwan) चीन और ताइवान को अलग करने वाला 180 किमी. का जल क्षेत्र है, जिसको चीन अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा बताता है। अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने कहा है कि उसका गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यूएसएस कर्टिस विलबर नियमित प्रक्रिया के तहत ताइवान जल-संधि से अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार ही गुजरा है। अपने बयान में अमेरिकी नौ सेना ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आवागमन हमारा अधिकार है। अमेरिका वायु और जल क्षेत्र के हर उस स्थान पर अपनी आवाजाही जारी रखेगा, जहां अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत जाना वैध है।



इधर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा है कि अमेरिका लगातार उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। वह यहां शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचा रहा है। अमेरिका के विध्वसंक युद्धपोत की जानकारी मिलने के बाद चीनी युद्धपोत ने उसका पीछा किया। आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है कि जब अमेरिका का विध्‍वंसक पोत इस क्षेत्र से निकला हो। इससे पहले भी इस तरह की का कदम अमेरिका उठा चुका है। उस वक्‍त भी चीन के युद्धपोतों ने अमेरिकी जहाज का पीछा किया था।
हाल ही में चीन ने बड़ा युद्धाभ्यास का वीडियो जारी कर ताइवान और अमेरिका को सीधेतौर पर संदेश दिया था। जानकारों की राय में इस वीडियो से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चीन किसी तरह के बड़े युद्ध की तैयारी में जुटा हो। विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन संभव तौर ताइवान को डराने या उस पर हमले की तैयारी के मद्देनजर इसतरह की का युद्धाभ्‍यास कर रहा है।
चीन की तरफ से जारी वीडियो में चालीस हजार टन वजनी टाइप 075 युद्धपोत भी दिखाई दे रहा है। इस पर एक समय में तीस हेलीकॉप्टर और एक हजार सैनिक रह सकते हैं। हालांकि चीन ने बड़ी ही चतुराई के साथ उस जगह का खुलासा नहीं किया जहां पर ये युद्धाभ्‍यास किया गया था। ये वीडियो ऐसे समय में चीन ने जारी किया जब जापान, आस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और फ्रांस ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया है।
चीन के सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग का कहना है कि चीन का ये युद्धाभ्‍यास ताइवान से संभावित युद्ध की तैयारी को लेकर किया गया है। चीन सरकार के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स का कहना है कि ताइवान और अन्य देशों को ये गलतफहमी है कि चीन के पास वो ताकत नहीं है, जिससे इन द्वीपों पर सैन्‍य ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सकता है। जबकि ऐसा बिल्‍कुल नहीं है। इसलिए ये युद्धाभ्‍यास इतना बताने के लिए काफी है चीन हर तरह से सक्षम है।

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