कोलकाता । हनुमान जयंती पर (On Hanuman Jayanti) सड़कों पर उतरकर (By Hitting the Streets) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (West Bengal Governor) सी.वी. आनंद बोस (CV Anand Bose) ने सुरक्षा व्यवस्था (Security Arrangements) की समीक्षा की (Reviewed) । पिछले कुछ दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रामनवमी के जुलूसों को लेकर हिंसा की घटनाओं को देखते हुए उन्होंने यह फैसला किया ।
राज्यपाल सुबह करीब 10.30 बजे मध्य कोलकाता स्थित राजभवन से निकले और उत्तरी कोलकाता के लेक टाउन स्थित कोलकाता के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पहुंचे। वहां हनुमान जयंती के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भाईचारे की भावना और उदार दृष्टिकोण की समृद्ध विरासत जिसके लिए पश्चिम बंगाल दुनिया भर में प्रशंसित है, आने वाले दिनों में कायम रहने दें।
वहां से उनका काफिला सीधे दक्षिण कोलकाता के अल्पसंख्यक बहुल एकबालपुर इलाके में पहुंचा। राज्यपाल ने वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत के अलावा वहां नगर पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों और कर्मियों से भी बात की और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। एकबालपुर में आम लोगों से बातचीत करते हुए उन्होंने उनकी सुरक्षा संबंधी आशंकाओं के बारे में जानकारी ली। इसके बाद, वह मध्य कोलकाता के पोस्टा क्षेत्र में गए और फिर पूजा करने के लिए एक स्थानीय हनुमान मंदिर गए। वहां उन्होंने आम लोगों से भी बातचीत की। राज्य पुलिस ने पहले ही हनुमान जयंती के जुलूस में लाठी सहित किसी भी तरह के हथियार ले जाने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। साउंडबॉक्स और डीजे का उपयोग सख्त वर्जित है।
राज्य में कड़ी सुरक्षा के बीच हनुमान जयंती मनाई जा रही है। केंद्रीय सशस्त्र बलों की तीन कंपनियों को पश्चिम बंगाल में कोलकाता और हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट और चंदनागोर सिटी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया है। संयोग से, रामनवमी के जुलूसों पर झड़पें मुख्य रूप से हावड़ा और हुगली जिलों के इलाकों में हुईं।
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