- पड़ोसन पर भी लगाया पोर्न वीडियो बनाने का संगीन इल्जाम
- कोर्ट में बयान हुए तो मुलजिमों की संख्या दो से बढक़र तीन हुई
इन्दौर। पति ने चाल-चलन को लेकर पत्नी को तलाक की धमकी दी तो उसने दो बेकसूर लोगों को गैंगरेप के इल्जाम में फंसा दिया। उसने पड़ोसन पर भी सहयोग करने का इल्जाम मढ़ दिया। छह साल बाद अदालत ने बेकसूरों के साथ इंसाफ किया है। सूत्रों के अनुसार 17 नवंबर 2016 को पीडि़ता ने एमआईजी थाने में शिकायत की थी कि वह पहले पाटनीपुरा क्षेत्र में रहती थी, फिर एमआईजी थाना क्षेत्र में रहने आ गई, जहां उसकी सास के घर के पास मुलजिम शैलेंद्र उर्फ टन्नू शैरे रहता था। इस कारण मुलजिम से उसकी पहचान हो गई थी। 20 दिसंबर 2015 को टन्नू ने उसे एकांत में बुलाकर धमकाकर जबरदस्ती की। इल्जाम था कि टन्नू ने पति व बच्चों को मारने की धमकी दी थी। फिर 10 नवंबर 2016 को टन्नू उसे नादियानगर में अपने दोस्त पिंटू बड़ोदिया के घर ले गया। वहां उसे पिंटू के साथ कमरे में बंद कर चला गया तो पिंटू ने भी उससे जबरदस्ती की।
पुलिस ने गंैगरेप का केस दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया था। अदालत में महिला घटना की तारीख नहीं बता पाई। महिला ने पड़ोसन को भी यह कहकर फंसा दिया कि संक्रांति के आठ दिन पहले वह पड़ोसन के घर गई थी, जहां टन्नू, पिंटू व उनका दोस्त सुमित मौजूद थे। पड़ोसन के सामने तीनों ने उससे सामूहिक बलात्कार किया और पड़ोसन उसका मोबाइल से पोर्न वीडियो बनाती रही। जब उसने मोबाइल की चिप मांगी तो यह कहकर मना कर दिया कि जब तक वह मुलजिमों का कहा नहीं मानेगी, वो चिप नहीं देगी, जबकि पुलिस को की गई रिपोर्ट में पड़ोसन की भूमिका का जिक्र ही नहीं था। न्यायालय में हुए बयान में पीडि़ता ने दो पिंटू व टन्नू के ही नाम बताए थे, लेकिन ट्रायल के दौरान कोर्ट में मुलजिमों की संख्या तीन बता डाली, जबकि एफआईआर में भी सिर्फ दो ही के ही नाम लिए थे। अदालत में गवाहों के बयानों से सिद्ध हुआ कि महिला का पति अपनी पत्नी के चाल-चलन पर शक करता था। उसने तलाक देने की धमकी भी दी थी। पति के दबाव में आकर महिला ने टन्नू व उसके दोस्त के खिलाफ गैंगरेप की शिकायत कर डाली। जज चारूलता दांगी ने दोनों मुलजिमों को बेगुनाह मानते हुए बरी करने का फरमान जारी किया है।
Share: