आज का दिन शनिवार (saturday) है और आप तो जानतें ही हैं कि आज के दिन कर्मों का फल देने वाले शनिदेव (shanidev) की पूजा-अराधना की जाती है । अधिकतर लोग भगवान शनि से सब भयभीत रहते हैं, लेकिन शायद आप जानते नही हैं कि शनिदेव (shanidev) अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति से नाराज नही होतें हैं और न ही कभी अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति का कभी बुरा करतें हैं । अगर आप भी आज के दिन भगवान शनिदेव (shanidev) पूजा कर रहे हैं तो इन 6 बातों का ध्यान अवश्य रखें वरना अनजाने में आप शनिदेव (shanidev) को नाराज कर सकते हैं।
शनिदेव (shanidev) की पूजा के दौरान सफाई का ध्यान जरुरी है। उनकी पूजा कभी गंदगी भरे माहौल या गंदे कपड़े (Dirty Clothes) पहनकर नहीं करना चाहिए।
शनिदेव (shanidev) को प्रसन्न रखना हो तो प्रत्येक शनिवार (saturday)उन्हें काले तिल और खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए।
शनिदेव (shanidev) की पूजा के दौरान भूल से भी तांबे के बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। तांबा (Copper) का संबंध सूर्यदेव से है और सूर्यपुत्र होने के बावजूद शनिदेव (shanidev) सूर्य के परम शत्रु हैं। शनिदेव की पूजा में हमेशा लोहे के बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए।
शनिदेव (shanidev) की पूजा के दौरान नीले या काले रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए। लाल रंग या लाल फूल का भी प्रयोग कतई न करें। लाल रंग मंगल का परिचायक है और मंगल भी शनि (shani ) के शत्रु ग्रह हैं।
शनिदेव (shanidev) की पूजा में दिशा का ध्यान रखना जरूरी है। आमतौर पर पूर्व की तरफ मुख कर पूजा की जाती है, लेकिन शनिदेव की पूजा पश्चिम दिशा की ओर मुंह कर करना चाहिए। इसका कारण यह है कि शनिदेव के पश्चिम दिशा का स्वामी माना गया है।
शनिदेव (shanidev) की पूजा के वक्त उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर कभी प्रार्थना नहीं करनी चाहिए। इतना ही नहीं उनकी आंखों में भी नहीं देखना चाहिए। प्रार्थना (Prayer) के वक्त इन बातों का ध्यान न रखने से उनकी दृष्टि सीधे आप पर पड़ती है और आप अनजाने ही शनिदेव (shanidev) के कोप के शिकार हो जाते हैं।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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