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बूस्टर डोज को लेकर WHO ने दी विकसित देशों को संयम रखने की सलाह

जिनेवा। वैश्विक महामारी करोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट (New Omicron variants of global pandemic Karona) दुनिया को डराने लगा है। महामारी के एक बार फिर से फैलने के डर से तमाम देश पाबंदी लगाने लगे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि साल 2022 में हर हाल में महामारी को खत्म करना होगा। कोरोना के कारण विश्वभर में 33 लाख से अधिक लोग इस वर्ष अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके कारण मौतों की संख्या साल 2020 में एचआईवी, मलेरिया और तपेदिक से हुई मौतों की संख्या से अधिक है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वहीं इन देशों को भी संयम बरतने को कहा जहां बूस्टर डोज लगाया जा रहा है। WHO ने विश्व के बड़े देशों को बूस्टर डोज के उपयोग में संयम बरतने की अपील की है। WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए धनी देशों को बूस्टर डोज के उपयोग के पीछे भागने को लेकर चिंता जाहिर की है। इसके पीछे उनका तर्क है कि वैक्सीन की अतिरिक्त मांग से विश्व के अन्य देशों में इसकी आपूर्ति में कमी आएगी जिससे कम आय वाले देशों में वैक्सीन की आवश्यक खुराकों के पहुंचने में बाधा होगी जिससे महामारी के और अधिक समय तक रहने का खतरा बना रहेगा



वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोपीय प्रमुख डॉ हंस क्लूज ने मंगलवार को ओमिक्रोन को लेकर कहा है कि इसके मामलों में उछाल के लिए तैयार रहें।
डॉ क्लूज ने वियना में एक संवाददाता सम्मेलन में चेतावनी दी कि हम एक और तूफान आते हुए देख सकते हैं। कुछ हफ्तों के भीतर ओमिक्रोन क्षेत्र के अधिक देशों में हावी हो जाएगा, जो पहले से ही फैली हुई स्वास्थ्य प्रणालियों को कगार पर धकेल देगा।
ओमिक्रोन वेरिएंट के उभरने की शुरुआत नवंबर के अंत में हुई। डब्लूएचओ यूरोपीय क्षेत्र के 53 सदस्यों में से कम से कम 38 में ओमिक्रोन के मामले पाए गए हैं। यूरोपीय क्षेत्र और डेनमार्क, पुर्तगाल और यूनाइटेड किंगडम सहित उनमें से कई में पहले से ही प्रभावी है।
क्लूज ने कहा कि यूरोप में जिन लोगों में ओमिक्रोन संक्रमण पाया गया है, उनमें से 89 प्रतिशत लोगों ने खांसी, गले में खराश, बुखार सहित अन्य कोरोना वेरिएंट के साथ सामान्य लक्षणों की सूचना दी। उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट को ज्यादातर 20 और 30 की उम्र के युवाओं ने इस क्षेत्र में फैलाया है। यह पिछले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होता है।

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