बैंगलुरु (Bangalore)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (karnataka assembly election) 2023 के परिणाम आने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस पार्टी (congress party) की हो रही है. इसके साथ ही एक नाम और है जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. वो नाम है प्रवीण सूद। दरअसल, कर्नाटक के डीजीपी (Karnataka DGP) प्रवीण सूद (Praveen Sood) को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (Central Investigation Agency- CBI) का अगला डायरेक्टर (Director) नियुक्त किया गया है। राज्य में कांग्रेस के बहुमत आने के बाद केंद्र सरकार ने रविवार (14 मई) को उनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया।
शनिवार (13 मई) की शाम को नए सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए एक हाईलेवल मीटिंग हुई थी. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. बैठक में सीबीआई का नया डायरेक्टर चुनने के लिए नामों पर चर्चा की गई और बाद में प्रवीण सूद के नाम पर मुहर लगा दी गई।
डीके शिवकुमार ने प्रवीण सूद के कहा ‘नालायक’
इसके अलावा, कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का सेहरा जिसके सिर पर बांधा जा रहा है, डीके शिवकुमार (Congress Leader DK Shivakumar) ने प्रवीण की भरपूर आलोचना की थी। डीके शिवकुमार ने उन्हें ‘नालायक’ तक कह दिया था. शिवकुमार ने कहा था कि हमारे DGP इस पद के लायक नहीं हैं. वह तीन साल से DGP हैं, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं. उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए।
शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन बीजेपी नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया. हमने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है. उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी. शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अधीर रंजन चौधरी ने किया विरोध
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सूद दो साल तक इस पद पर रहने वाले हैं. हालांकि मई 2024 में उनकी रिटायरमेंट होना था लेकिन इस नियुक्ति के बाद उनका कार्यकाल मई 2025 तक के लिए बढ़ गया है। वो 25 मई को सीबीआई के मौजूदा डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल की जगह लेंगे। इस पद के लिए प्रवीण सूद के साथ-साथ मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के अलावा फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स के डीजी ताज हसन का नाम भी शामिल था।
प्रवीण सूद के नाम का विरोध कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने किया. जो इस बैठक में भी शामिल थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि वो आईपीएस अधिकारियों के उस पूल का हिस्सा नहीं थे जो केंद्र में डीजीपी पद की सेवाएं दे सके।
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