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कांग्रेस के लिए वोट कटवा साबित होंगे ओवैसी? राजस्थान में 40 सीटों पर AIMIM लड़ेगी चुनाव

नई दिल्ली: राजस्थान में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों का रोमांच इस बार जबरदस्त होने वाला है जहां बीजेपी-कांग्रेस के अलावा 2023 में भी कई अन्य राजनीतिक दल अपना भविष्य आजमाने चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं. इसी कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन ( AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी फिलहाल 2 दिनों के राजस्थान दौरे पर हैं जहां उन्होंने ऐलान कर दिया कि वह राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे.

ओवैसी ने बीते शनिवार को अलवर के टपूकड़ा कस्बे में पार्टी के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन किया. माना जा रहा है कि इन चुनावों में ओवैसी मुस्लिम वोटबैंक को साधना चाहते हैं ऐसे में वह अपने 40 उम्मीदवार मुस्लिम बाहुल इलाकों में ही उतारेंगे. हालांकि एआईएमआईएम की ओर से राजस्थान के चुनावों को लेकर अभी सीटों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन ओवैसे की कामां और टोंक में हुई जनसभाओं से यह समझा जा सकता है कि उनकी पार्टी बड़ी अल्पसंख्यक आबादी वाली सीटों को टारगेट करने की कोशिश करेगी.

40 सीटों पर उतारेंगे प्रत्याशी
ओवैसी ने अलवर में कहा है कि वह राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे. माना जा रहा है कि ओवैसी की नजर मुस्लिम वोटबैंक पर है जिसके बाद वह मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. हाल में हुई ओवैसी की दोनों जनसभाओं में भी ओवैसी ने कहा कि आप मुझे सियासी तौर पर मजबूत कीजिए क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने मुस्लमान समुदाय के साथ अन्याय किया है.


ओवैसी ने जनसभाओं में कहा कि आप तमाम लोगों से गुजारिश है कि आप हमारा साथ दीजिए और संगठन को मजबूत करें. जानकारों का कहना है कि ओवैसी मुस्लिम आबादी वाली सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने की दिशा में जनता के बीच बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर पेश कर रहे हैं जिससे वह 40 सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं. वहीं ओवैसी अगर चुनावों से पहले पूरे राजस्थान का दौरा कर लेते हैं कुछ सीटों पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है.

कांग्रेस के कब्जे में 33 सीटें
अगर हम सीटों के हिसाब से बात करें तो पूर्वी राजस्थान के अलवर, सवाई माधोपुर और टोंक के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनावों में मुस्लिम वोटर्स अहम भूमिका निभाते हैं. वहीं ताजा हालात देखें तो राजस्थान में इन 40 मुस्लिम बहुल सीटें फिलहाल 33 कांग्रेस के पास हैं. 2018 के चुनावों में इन 40 सीटों में 29 सीटों पर कांग्रेस, 7 पर बीजेपी, 3 पर बसपा और 1 पर निर्दलीय को जीत मिली थी जिसके बाद बसपा और निर्दलीय अब कांग्रेस के साथ हैं.

जानकारों का मानना है कि अगर ओवैसी की पार्टी 10-15 सीटें भी अगर जीत जाती है तो सरकार बनाने में सत्ता में भागीदारी लेने की पुरजोर कोशिश कर सकती है लेकिन हाल फिलहाल में यही माना जा रहा है कि ओवैसी कांग्रेस के वोटबैंक को ही नुकसान पहुंचा सकते हैं. बता दें कि राजस्थान में मुस्लिम जनसंख्या 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां 9 फीसदी से अधिक थी और अब चुनावों तक उसमें 2 से 3 फीसदी का इजाफा हो सकता है. इसके अलावा मुस्लिमों को कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक माना जाता है.

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