उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

मारू के प्रयासों से बौद्धिक दिव्यांग विजय को मिलेगा परिवार का साथ

नागदा। तीन वर्षों पूर्व अपने परिवार से अलग हुए एक बौद्धिक दिव्यांग संस्था स्नेह के संस्थापक पंकज मारू के प्रयासों से अपने परिवार से मिल पाएगा। मामले के संदर्भ मे पंकज मारू ने बताया कि शनिवार की रात को वह अपनी वोकल कार्ड की एंडोस्कोपी करा कर नागदा लौट रहे थे। वोकल कार्ड में सूजन के कारण डॉक्टर ने उन्हें दवाइयों के साथ एक सप्ताह हेतु वॉयस रेस्ट की सलाह दी थी। नागदा पुलिस स्टेशन के आरक्षक यशपालजी का फोन आया जिसमे एक बौद्धिक दिव्यांग बच्चा कही मिला है उसका फोटो भेज रहा हूं और आप थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा से बात कर ले। मारू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर की सलाह को नजर अंदाज कर बिना फोटो का इंतजार किए तुरंत नागदा टीआई श्री शर्मा को फोन किया। टीआई शर्मा ने मारू को बताया कि उनके पास देहरादून थाने के सब इंस्पेक्टर कृपालसिंह का फोन आया था कि एक बच्चा उनके पास है और वह विस्तृत जानकारी के लिए उनसे बात कर लें, मारू ने तुरंत देहरादून थाने के अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि एक बच्चा उनके पास वर्ष 2018 से है और अपना नाम विजय बताता है और बताता है कि पापा ड्राइवर है और उनको बहुत याद करता है। उन्होंने मारू को उसका एक वीडियो भी भेजा।


देहरादुन पुलिस के अधिकारी ने मारू से बच्चे के माता-पिता को ढूंढने में मदद का आग्रह किया उन्होंने यह भी बताया कि तीन वर्षो से इस बच्चे के परिवार को खोजने का प्रयास कर रहे हैं। मारू ने बताया कि विजय का फोटो देखते ही वह अचंभित हो गए, क्योंकि विजय पांच वर्ष पूर्व स्नेह में आता था और फिर उसका परिवार इंदौर चला गया था। मारू ने स्नेह के पदाधिकारी चंदनसिंह को फोन लगाकर उसके पुराने घर जाने को कहा और पड़ोसियों से जानकारी एकत्रित करने की बात कही। स्नेह पदाधिकारी द्वारा तत्काल विजय के पुराने घर के पास ही स्थित उसके बड़े पापा के घर पहुॅचे तथा फोटो-विडियो दिखाया। उन्होंने विजय को पहचान लिया और उसके पापा का नंबर और पता दिया। मारू ने जानकारी मिलते ही इंदौर स्थित विजय के पापा को फोन कर सारी जानकारी दी और बच्चे का फोटो भेजा। उन्होंने अपने बच्चे को पहचान लिया। श्री मारू ने कांफ्रेंस कॉल कर देहरादून थाने के अधिकारी कृपालसिंह और विजय के पिता की आपस में बात करवाई। कृपाल सिंह ने उसके पिता से उनका फोटो मांगा ताकि वो बच्चे को दिखा कर बता सके कि उसके पापा को खोज लिया गया है। रविवार की सुबह श्री मारू ने देहरादुन थाने के अधिकारी कृपालसिंह और बच्चे के पापा और भाई से बात की। विजय ने अपने पापा की फोटो देखते ही काफी खुशी जाहिर की तथा उसकी खुशी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। इंदौर स्थित विजय का परिवार अब उसको लेने जा रहा है और उम्मीद है कि दो दिनों में विजय फिर अपने घर इंदौर लौट आएगा।

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