इंदौर (Indore) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर में एक गजब का मामला सामने आया है। यहां एक महिला (Woman) ने घरेलू हिंसा (domestic violence) में अपने मृत ससुर को भी घरेलू हिंसा का आरोपी बना दिया। जिला कोर्ट (district court) में महिला ने केस दायर किया था। अब बचाव पक्ष के वकील ने इस बात की जानकारी दी है।
वकील ने बताया कि करीब 21 साल पहले ही मर चुके शख्स के खिलाफ जब समन जारी हुआ तब उसके बाद इस महिला के पति ने अदालत से अपील की है कि उनकी पत्नी ने जो केस दर्ज कराया है उसे रद्द कर किया जाए और एक झूठे केस को लेकर जो मानसिक प्रताड़ना उन्होंने और उनके परिवार ने सहा है उसका मुआवजा भी दिया जाए। बुधवार को बचाव पक्ष की वकील प्रीति मेहना ने पत्रकारों से कहा कि महिला ने अपने पति के खिलाफ एक केस First Class Judicial Magistrate के सामन दायर की थी। महिला ने अपने सास-ससुर के खिलाफ भी घरेलू हिंसा का केस दर्ज किया था। महिला और उसके पति ने साल 2013 में प्रेम विवाह किया था और साल 2002 में ही उनके ससुर की मौत हो गई थी।
महिला द्वारा दायर की गई केस पर सुनवाई के दौरान JMFC ने इसी साल 13 फरवरी को महिला के सास-ससुर औऱ पति को समन जारी किया था। अदालत ने आरोपियों को 10 अप्रैल को हाजिर होने का आदेश दिया था। मेहना ने बताया कि 9 मई को उन्होंने अपने क्लाइंट की तरफ से याचिका दायर की थी जिसमें महिला के ससुर का डेथ सर्टिफिकेट अटैच किया गया था।
बचाव पक्ष की वकील ने कहा कि महिला ने कोर्ट को अंधेरे में रख कर न्यायिक प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया। इसलिए घरेलू हिंसा का उसका यह केस रद्द होना चाहिए और उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वकील ने यह भी कहा कि अदालत से अपील की गई है कि पीड़ित परिवार को हुए मानसिक प्रताड़ना के लिए महिला को उचित मुआवजा देने का भी आदेश दें। अदालत ने इसपर 5 जुलाई को महिला से जवाब मांगा है।
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