टेक्‍नोलॉजी

खांसी और खर्राटों पर नजर रखेगा आपका फोन, गूगल ला रहा है नया फीचर


डेस्क: इसमें कोई शक नहीं कि मोबाइल फोन ने मनुष्य की दिनचर्या पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. हमारे ज्यादातर कार्यकलाप 6 इंच के स्मार्टफोन में दर्ज हैं. अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए स्मार्टफोन हमारी सेहत और शारीरिक गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे. जानकारी के मुताबिक, सर्च इंजन गूगल (Google) इन दिनों खर्राटे और खांसी पर नजर रखने वाले फीचर पर काम कर रहा है.

कहा जा रहा है कि गूगल इस फीचर को अपने फोन पिक्सल (Pixel) या फिर एंड्रॉयड स्मार्टफोन में शामिल कर सकता है. बताया जा रहा है कि कंपनी ने इस फीचर पर काम करने के लिए Sleep audio collection स्टडी आयोजित की है जो केवल गूगल के कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध है.

9to5google.com की एक खबर के मुताबिक, गूगल खांसी और खर्राटों की पहचान करने वाले फीचर पर काम कर रहा है. गूगल के स्वास्थ्य अध्ययन (Google Health Studies) का दूसरा संस्करण जारी किया है. इसमें नई डिजिटल वेलबीइंग स्टडी (new digital wellbeing study) का खुलासा किया है जिसमें स्लीप ऑडियो कलेक्शन की बात कही गई है.


फिलहाल इस स्टडी गूगल कर्मचारियों को ही शामिल किया गया है. गूगल के फुल टाइम कर्मचारी इस स्टडी में शामिल हो सकते हैं. कर्मचारियों के पास एंड्रॉयड फोन होना चाहिए. स्टडी में कर्मचारी को एक कमरे में सुलाया जाएगा और फिर डिवाइस के माध्यम पर उस पर नजर रखी जाएगी.

बताया जा रहा है कि गूगल खांसी और खर्राटों के ऐल्गरिदम को एक मॉनिटरिंग फीचर में ट्रांसलेट करने की कोशिश कर रही है. ताकि यूजर को उसकी नींद से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारी मुहैया कराई जा सके. स्टडी के पूरा होने पर कंपनी अपने स्मार्टफोन में इस मॉनिटरिंग फीचर्स को पेश कर सकती है.

2020 में गूगल ने गूगल घड़ी में एक “बेडटाइम” हब पेश किया था जो बिस्तर में बिताए समय का अनुमान लगाने के लिए डिजिटल वेलबीइंग के साथ काम करता है. इसमें क्लॉक ऐप को मोशन और लाइट डिटेक्शन तक पहुंच प्रदान करना शामिल है.

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