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कोरोना को लेकर रिकवरी प्रतिशत बढ़ाने, मृत्यु दर न्यूनतम करने के लिए युद्धस्तर पर कर रहे काम: योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी इस बात को जानते हैं कि किसी भी बच्चे का अगर बचपन स्वस्थ रहे तो उसका पूरा जीवन स्वस्थ रहता है। अर्थात यदि हमें व्यक्ति के जीवन को स्वस्थ और समर्थ बनाने की परिकल्पना पर कार्य करना है तो बच्चे के बचपन को स्वस्थ बनाने पर पूरा ध्यान देना होगा।

मुख्यमंत्री सोमवार को अपने सरकारी आवास पर शिशु, बाल एवं किशोर हेतु स्वास्थ्य कार्यक्रमों का शुभारम्भ करने के दौरान बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान, विटामिन-ए सम्पूरण कार्यक्रम तथा पीसीवी वैक्सीन के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बहुत प्रसन्नता है कि प्रदेश के नवजात शिशु से लेकर 1 से 19 वर्ष तक के 10 करोड़ बच्चों के बचपन को बचाने के लिए आज एक अभिनव कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत देश में सभी कार्यक्रम बच्चों का बचपन बचाने एवं सुरक्षित रखने के उद्देश्य से, स्वस्थ और सुंदर जीवन की परिकल्पना को साकार करने के लिए शुरू किए गए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जतायी कि कोरोना महामारी के दौरान भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बच्चों के टीकाकरण संबंधी कार्यक्रमों को पूरी तत्परता के साथ आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना के संक्रमण से जूझ रही है, तो स्वाभाविक रूप से देश की सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेश भी संक्रमण से मुक्त नहीं है। लेकिन, संक्रमण को नियंत्रित करने और अगर संक्रमण हुआ है तो रिकवरी के प्रतिशत को बढ़ाने एवं मृत्यु दर के प्रतिशत को न्यूनतम करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। इसमें काफी हद तक सफलता भी प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी हमने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े सभी कार्यक्रमों को प्रत्येक स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर लेने का कार्य किया है। चाहे संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम हो या फिर आज प्रारंभ हो रहे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का कार्यक्रम, प्रदेश में बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए यह कार्यक्रम निरंतर चलेगा।

स्वाभाविक रूप से बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर कृमि संक्रमण के कारण विपरीत असर पड़ता है। ऐसे में हम राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बन सकें, इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही प्रत्येक बच्चे तक दवा की खुराक पहुंचे, हमें यह सुनिश्चित करना है। यह किसी व्यक्ति या परिवार का नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र का कार्य है, ऐसा मानकर हम सब इस अभियान का हिस्सा बनें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से उप्र में चलाए गए अभियान के अंतर्गत प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कुछ हद तक नियंत्रित करने में हमें सफलता प्राप्त हुई है। हालांकि, जितनी सफलता मिलनी चाहिए अभी हम उससे दूर हैं, इसलिए शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए नियमित टीकाकरण आवश्यक है। इससे न सिर्फ बचपन बल्कि देश का भविष्य सुरक्षित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं चाहूंगा कि समस्त प्रदेशवासी टीकाकरण अभियान का हिस्सा बनें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

हमेशा इस अभियान पर जोर देने की बात करते हैं। प्रदेश के 08 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में बनाए गए 06 पैरामीटर्स में हेल्थ के पैरामीटर पर विशेष रूप से हम लोग ध्यान देने की बात करते हैं।

प्रदेश में चलाए जा रहे ‘विटामिन-ए संपूर्ण कार्यक्रम’ से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। प्रदेश में इस संपूर्ण कार्यक्रम के अंतर्गत 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक से आच्छादित किया जाता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के अन्तर्गत प्रथम चरण में अगले 10 दिन तक 11 चयनित जनपदों अमेठी, अमरोहा, बांदा, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, हापुड़, हाथरस, कासगंज, शाहजहांपुर तथा सोनभद्र में यह अभियान चलाया जाएगा। इन 11 जनपदों में कृमि मुक्त किए जाने वाले 1 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर एवं किशोरियों की संख्या 99 लाख 28 हजार है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्त अभियान के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों में लगभग 10 करोड़ बच्चे, किशोर-किशोरी लाभान्वित होंगे। यह अभियान चार चरणों में माह अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर तथा नवम्बर, 2020 में संचालित किया जाएगा। इसके तहत 1 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर तथा किशोरियों को 400 मिली ग्राम एल्बेण्डाजॉल की चबाने वाली गोली दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीसीवी (न्यूमोकोकल कॉन्ज्यूगेट वैक्सीन) कार्यक्रम का भी आज शुभारम्भ किया जा रहा है। इस टीकाकरण से न्यूमोनिया और दिमागी बुखार जैसी बीमारियों से होने वाली शिशु मृत्यु दर को रोकने में सफलता मिलेगी। ऐसी अनेक बीमारियां हैं, जिन्हें नियमित टीकाकरण से रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों में इस वैक्सीन का लाभ पहुंचाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश के 19 जनपदों में यह वैक्सीन पूर्व से ही लगाई जा रही है। आज से इस वैक्सीन को प्रदेश के अन्य 56 जनपदों में भी लगाया जाएगा।

विटामिन-ए सम्पूरण कार्यक्रम के शुभारम्भ से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि तथा रतौंधी जैसी बीमारियों से बचाव हेतु 09 माह से 05 वर्ष के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी। इसके तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुसार लगभग 2.5 करोड़ बच्चों को विटामिन-ए दिया जाएगा।

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