नई दिल्ली। तेजी से बढ़ रहे इंटरनेट (Internet) के इस्तेमाल और एआई टूल (ai tool) के कारण फेक न्यूज (fake news) की बाढ़ आ गई है। फेक न्यूज को रोकना किसी भी सरकार (Government) के लिए बड़ा मुश्किल काम हो गया है। चीन (China) भी इससे बच नहीं पाया है। अब चीन ने एक लाख ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट (social media accounts) को बंद करने का फैसला किया है जो फेक न्यूज फैला रहे थे। इनमें सबसे ज्यादा Weibo के अकाउंट हैं जिसे चाइनीज ट्विटर कहा जाता है और यह चीन का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी है।
साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइन (CAC) ने इसके लिए एक अभियान शुरू किया है। CAC ने कहा है कि रिव्यू में लाखों अकाउंट फेक न्यूज फैलाते हुए पाए गए हैं। CAC की ओर से कहा गया है कि फर्जी न्यूज के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल की मदद से एंकर तैयार किए जा रहे हैं और लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
फेक न्यूज में सबसे ज्यादा ज्वलंत मुद्दे पर तैयार किए जा रहे हैं जिनमें इंटरनेशनल करेंट अफेयर और सामाजिक घटनाएं शामिल हैं। सीएसी ने सोमवार को अपनी वेबसाइट पर एक बयान को प्रकाशित किया है। CAC फेक न्यूज को पहचानने के लिए लोगों को जागरूक भी कर रहा है। चीन की सरकार भी नियमित रूप से इंटरनेट पर शेयर होने वाले कंटेंट को मॉनिटर कर रही है।
कंटेंट की भाषा पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। हाल ही में CAC ने व्यवसायों और उद्यमियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले ऑनलाइन कॉमेंट नकेल कसने का एलान किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ChatGPT जैसे एआई टूल से फेक न्यूज में इजाफा हो रहा है। कुछ दिन पहले ही चीन में चैटजीपीटी के गलत इस्तेमाल को लेकर एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है।
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