- विश्व बैंक की टीम स्वच्छता मॉडल देख हो गई गदगद – कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कैसे किया इंदौर को साफ-सुथरा, बायो सीएनजी प्लांट भी देखा
इंदौर। देवगुराडिय़ा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण किया और उसकी प्रशंसा भी की उसे देखने विश्व बैंक की टीम भी पहुंची। पूरे देश में इस तरह के एक हजार प्लांट लगाने के प्रयास केन्द्र सरकार द्वारा किए जा रहे हैं, जिसके लिए विश्व बैंक सर्वे और स्टडी कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा और जहां-जहां प्लांट लगेंगे उसके लिए वित्तीय लोन भी दिया जाएगा। इंदौर के स्वच्छता मॉडल को देख विश्व बैंक की टीम भी गदगद हो गई। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह से इस टीम ने मुलाकात की और उन्होंने भी जानकारी दी कि किस तरह इंदौर को स्वच्छ बनाया और पांच साल से वह नम्बर वन आ रहा है। टीम ने भी माना कि इंदौर में जिस तरह का का कचरा संग्रहण व निपटान हो रहा है वैसा अमेरिका तक में नहीं है।
केंद्र सरकार द्वारा इंदौर की तर्ज पर देश के विभिन्न शहरों में बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। इंदौर की सफलता को अन्य शहरों में भी दोहराया जा सके इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा वल्र्ड बैंक के सहयोग से विस्तृत सर्वे एवं अध्ययन कराया जा रहा है। इसी क्रम में इंदौर के मॉडल का अध्ययन करने के लिए आज वल्र्ड बैंक की टीम इंदौर जिले पहुंची। टीम के सदस्यों ने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय मैं कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री मनीष सिंह से भेंट की। कलेक्टर श्री सिंह ने वल्र्ड बैंक की टीम के सदस्यों को इंदौर शहर में सॉलिड़ वेस्ट मैनेजमेंट, वेस्ट सेग्रिगेशन तथा बायो सीएनजी प्लांट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर जिले में स्वच्छता के क्षेत्र में जो सफलता हासिल की है उसमें शहर की जनता का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जनप्रतिनिधियों, मीडिया, प्रशासन एवं नागरिकों के सहयोग और समन्वय से इंदौर लगातार पांच बार से स्वच्छता में नंबर वन आ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से इंदौर शहर के स्वच्छता मॉडल का अध्ययन करने देश भर से लगभग 600 से 700 लोकल बॉडीज तथा विभिन्न देशों से 40 से अधिक डेलिगेट्स इंदौर का भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर बायो सीएनजी प्लांट के हाई कैलोरीफिक वैल्यू का सबसे महत्वपूर्ण घटक इंदौर का उच्च गुणवत्ता का वेस्ट सेग्रिगेशन है।
जो यूरोपियन देशों की तुलना में भी कई गुना ज्यादा बेहतर है। वहीं निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने बताया कि विश्व बैंक की टीम को स्वच्छता के संबंध में किए गए समस्त कार्यों की विस्तार से प्रजेंटेशन के जरिए जानकारी दी गई और फिर टीम ने बायो सीएनजी प्लांट का अवलोकन भी किया। अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा और प्लांट मैनेजर श्री त्रिपाठी ने किस तरह गिले कचरे से कम्पोस्ट खाद और सीएनजी गैस बनाई जा रही है उसकी जानकारी दी। विश्व बैंक की टीम ने इंदौर के स्वच्छता मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के प्लांट पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सराहनीय हैं।
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