इंदौर न्यूज़ (Indore News)

गेहूं खरीदी का 1 सप्ताह शेष, 60 फीसदी किसान ही पहुंचे

 


बारदान का संकट, आज आएगी 2 हजार गठानों की रैक
इंदौर।  समर्थन मूल्य (Support Price) पर गेहूं खरीदी (Wheat Bought) के लिए सरकार की ओर से 15 मई की तारीख निर्धारित की गई है। अब किसान 1 सप्ताह ही समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं बेच सकते हैं, लेकिन अभी तक 60 फीसदी किसानों ने ही समर्थन मूल्य (Support Price) खरीदी केंद्रों को अपनी उपज बेची है। वहीं जिले के कई केंद्रों पर बारदान की कमी के कारण काम बंद पड़ा है। संभवत: आज बारदान की रैक इंदौर पहुंचेगी।
इंदौर जिले ( Indore District) में तकरीबन 50000 किसानों ने समर्थन मूल्य (Support Price) पर गेहूं बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया था। इनमें से अब तक तकरीबन 30,000 किसानों ने 285000 मीट्रिक टन गेहूं का विक्रय किया है। एक दर्जन से ज्यादा खरीदी केंद्रों पर बारदान की कमी के चलते चार-पांच दिनों से काम बंद है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो आज बारदान की रैक इंदौर पहुंचेगी जिसमें 2 हजार बारदान (Gunny bags) गठानें समर्थन मूल्य केंद्रों पर पहुंचाई जाएंगी। विभाग की ओर से यह भी दावा किया गया कि तकरीबन 48000 किसानों तक गेहूं खरीदी के एसएमएस पहुंचा दिए गए हैं।


किसानों की समस्या बरकरार समय बढ़ाने की मांग
किसानों की समस्या कम नहीं हो रही। कभी भुगतान में देरी तो कभी हम्मालों की कमी तो कभी बारदान खत्म हो जाने से दिन-ब-दिन समस्याएं बढ़ रही हैं। खरीदी की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है। वैसे ही किसानों की समस्याओं का संकट गहराता जा रहा है। इसी के साथ ही बारदान (Gunny bags) की कमी के कारण खरीदी प्रभावित हो रही है। सांवेर तहसील के गांव कछालिया, बगाना, टाकून सोलसीदा, सेमलिया चाऊ, देपालपुर तहसील के गांव अटाहैडा, चांदेर, कराडिय़ा अमूमन पूरे जिले में हर खरीदी केंद्र (Purchasing centers) पर कहीं 10 गठान कहीं 20 तो कहीं 30 गठान बारदान की आवश्यकता है। उसके साथ अन्य खरीदी केंद्रों पर भी बारदान की समस्या समय-समय पर आती रही है।


चार दिन से गेहूं खरीदी केंद्र बंद
भारतीय किसान मजदूर सेना (Indian Farmers Labor Army) के बबलू जाधव ने बताया कि जिलेभर के कई खरीदी केंद्रों (Purchasing centers) पर बारदान पिछले 4 दिनों से खत्म हो चुके हैं, जिससे किसान परेशान हो रहे हैं। 4 दिन से खरीदी केंद्रों (Purchasing centers) पर खरीदी बंद होने से हम्माल भी चले गए हैं। जल्द बारदान खरीदी केंद्रों पर नहीं पहुंचते हैं तो उन किसानों की समस्याएं बढ़ेंगी जिन्हें मैसेज प्राप्त हुए हैं। वहीं समयसीमा में खरीदी नहीं होती है तो बिल बनाने में भी परेशानी आएगी। जाधव ने मांग की है कि खरीदी की तारीख 30 मई की जाए।

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