इंदौर न्यूज़ (Indore News)

250 किसानों की जमीनें लेकर 153 करोड़ बांटेंगे मुआवजा

  • 121 किसानों से सालभर पहले एमपीएसआईडीसी ले चुका है जमीनें, मुख्यमंत्री ने ही इंदौर में बांटे थे 95 करोड़ के चेक, अब अन्य जमीनों पर भी मिलेगा लैंड पुलिंग का लाभ

इंदौर। प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने लैंड पुलिंग एक्ट लागू किया, जिसमें नकद मुआवजे के बदले 50 फीसदी जमीन वापस लौटाई जाती है। वहीं पीथमपुर सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 80 फीसदी जमीन वापसी और 20 फीसदी नकद भुगतान का फार्मूला तय किया गया। सालभर पहले इंदौर में ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 121 किसानों को मुआवजा राशि के चेक सौंपे। इंदौर-पीथमपुर निवेश क्षेत्र में शामिल निजी जमीनों के मामले में भू-अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है। कल कैबिनेट ने अन्य किसानों के लिए भी इसकी मंजूरी दी और एमपीएसआईडीसी 153 करोड़ का मुआवजा 250 किसानों को और बांटेगा।

इंदौर विकास प्राधिकरण अपनी जो योजनाएं टीपीएस के तहत घोषित कर रहा है उसमें लैंड पुलिंग एक्ट के तहत 50 फीसदी जमीन उसके मालिक को वापस लौटा दी जाती है। वहीं एमपीएसआईडीसी ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 80+20 का फार्मूला अपनाया है, जिसे पूर्व में भी कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और कल शेष बचे 500 किसानों से भी जमीन इसी फार्मूले से लेने के लिए सहमति दे दी, जिसके चलते 20 फीसदी राशि किसान या जमीन मालिक को नकद सौंपी जाएगी और शेष 80 प्रतिशत राशि विकसित भूखंड के रूप में लौटाई जाएगी। गत वर्ष 121 किसानों को मुआवजा राशि के चेक सौंपे गए थे और इन किसानों को लगभग 95 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया है। दरअसल इंदौर-पीथमपुर निवेश क्षेत्र में साढ़े 12 हजार हेक्टेयर जमीन शामिल की गई है, जिनमें अधिकांश जमीनें निजी यानी किसानों की है। कल कैबिनेट ने ऐसे अन्य किसानों से भी इसी फार्मूले के तहत जमीन लेने की सहमति दी। एमपीएसआईडीसी के एमडी रोहन सक्सेना के मुताबिक लगभग 153 करोड़ रुपए का मुआवजा और बांटा जाएगा और लगभग 250 किसानों की सूची भी तैयार है। अन्य किसानों को भी इसी फार्मूले के तहत 20 फीसदी नकद राशि और 80 फीसदीके बदले विकसित भूखंडज दिए जाएंगे।


32 हजार एकड़ जमीन इंदौर-पीथमपुर निवेश क्षेत्र में शामिल
इंदौर-पीथमपुर निवेश क्षेत्र जो पिछले दिनों घोषित किया गया उसमें साढ़ेे 12 हजार हेक्टेयर यानी लगभग 32 हजार एकड़ जमीन शामिल की गई है। इसमें सरकारी जमीनें तो है ही, मगर अधिकांश निजी जमीनें शामिल है। लैंड पुलिंग एक्ट के तहत ही ये निजी जमीनें अधिग्रहित की जा रही है, जिसमें 20 फीसदी राशि नकद मुआवजे के रूप में दी जाएगी। औद्योगिक, सार्वजनिक, अद्र्धसार्वजनिक और आवासीय उपयोग केे लिए इन जमीनों का इस्तेमाल किया जाएगा और इस पूरी प्रक्रिया में पंजीयन शुल्क से भी मुक्ति रहेगी। शासन इसकी भी पूर्व में एमपीएसआईडीसी को अनुमति दे चुका है।

रंगवासा के टॉय क्लस्टर को भी मिली मंजूरी
विगत दो सालों से रंगवासा में टॉय क्लस्टर की प्रक्रिया भी चल रही है। इसके लिए जमीन का भू-उपयोग बदलने से लेकर दावे-आपत्तियां भी आमंत्रित की गई। कैबिनेट ने टॉय क्लस्टर को भी अनुमति दी है। सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा क्लस्टर एसोसिएशन के प्रस्तावित इकाइयों के लिए इसे निर्मित किया जा रहा है। रंगवासा में चिन्हित की गई जमीन पर यह टॉय क्लस्टर बनेगा। 3.65 हेक्टेयर जमीन फिलहाल इसके लिए चिन्हित की गई है और 50 से 60 करोड़ रुपए का प्रारम्भिक निवेश यहां पर संभव है। छोटे-बड़े उद्योगों को यहां भूखंड विकसित कर दिए जाएंगे।

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