सोमवार को तीन सदस्यीय टीम ने शुभ वेयर हाउस बिजुरी पहुंच कर चावल की जांच की, जिसमें गोदाम के अंदर भंडारित 12 हजार 50 बोरी चावल एवं 117 बोरी गेहॅू को मानव उपभोग के लायक नहीं पाते हुये आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 6 (क) के अनुसार तत्काल गोदाम सील कर दिया गया है।
2 करोड 30 लाख का चावल हुआ खराब
मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन अनूपपुर के जिला प्रबंधक एवं केन्द्र प्रभारी की गलती के कारण 2 करोड़ 29 लाख 94 हजार 256 रुपये कीमत का 6051.12 क्विंटल चावल मानव के खाने योग्य ही नहीं बचा है। सोमवार को गोदाम का ताला खुलते ही मामला का खुलासा हुआ और उक्त चावल के वितरण पर प्रशासन ने रोक लगा दी।
जानकारी के अनुसार शुभ वेयर हाउस में बिजुरी के गोदाम क्रमांक 25 में म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन अनूपपुर द्वारा वर्ष 2018-19 में सीएमआर चावल 3593 बोरी वजन 1821.87 एवं वर्ष 2019-20 में 8457 बोरी वजन 4229.25 क्विंटल चावल अन्नपूर्णा राईस मिल, आयशा राईस मिल एवं गजानंद राईस मिल द्वारा मिलिंग कर जमा कराया गया था। जिसमें शासन के निर्देश अनुसार फीफो पद्यति का पालन करना अनिवार्य था। लेकिन नॉन के जिला प्रबंधक व केन्द्र प्रभारी विजय सिंह द्वारा फीफो पद्यति का पालन नहीं किया गया। जिसके कारण गोदाम के पांच स्टेक व 3 अधूरे स्टेक में रखे चावल व गेहूं की 117 बोरी खराब हो गई, जो मानव के खाने योग्य ही नही बची है।
6051.12 क्विंटल चावल के खराब हो जाने पर म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन अनूपपुर (नॉन) एवं म.प्र. वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन शाखा कोतमा द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है। जिसमें नॉन द्वारा शुभ वेयर हाउस बिजुरी में भंडारित उक्त खाद्यान्न के खराब हो जाने पर भंडार ग्रह निगम द्वारा समुचित रख रखाव न किये जाने, गोदाम न खुलने के कारण चावल में लूढी एवं कीट युक्त हो जाने का आरोप लगाया गया।
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कोतमा सीमा सिन्हा ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम द्वाररा शुभ वेयर हाउस बिजुरी में भंडारित चावल एवं गेहॅू के गुणवत्ता की जांच की गई है। जहां 6051.12 क्विंट चावल एवं 34 क्विंटल गेहॅू मानव के खाने के योग्य नही बचा है। जांच के बाद उक्त खाद्यान्न के वितरण को रोकने हेतु गोदाम को सील कर दिया गया है। एजेंसी/हिस