भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

विधानसभा विश्राम गृह में पूर्व विधायकों के लिए आरक्षित होंगे 25 कक्ष

  • पूर्व विधायकों का छलका दर्द…तो अध्यक्ष ने की घोषणा, यात्रा सुविधा भी मिलेगी

भोपाल। मप्र विधानसभा में गुरुवार को पूर्व विधायकों को सम्मेलन आयोजित किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा सहित अन्य पार्टियों के पूर्व विधायक शामिल हुए हैं। यह पहला मौका है जब विधानसभा ने पूर्व विधायकों का सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में पूर्व विधायकों ने समस्याओं का जिक्र किया तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा विश्राम गृह में 25 कक्ष पूर्व विधायकों के लिए आरक्षित रहेंगे, उन्हें पूरी सुविधा दी जाएगी। कक्षों का जीर्णोद्धार भी कराएंगे। पूर्व विधायकों की कोई समस्या हो तो मैं जिम्मेदार हूं, मुझे बताइए। छुट्टी के दिन भी आरक्षण काउंटर खुला रहेगा। ट्रेन के टिकट मिलेंगे, जिन पूर्व विधायकों को चलने फिरने में दिक्कत होती है उन्हें घर तक टिकट पहुंचाकर देंगे। वर्तमान विधायकों जैसी यात्रा सुविधाएं पूर्व विधायकों को दी जाएंगी।


  • अध्यक्ष ने कहा… पांचवीं विधानसभा के समय पहले फेस टू फेस का वातावरण था आज फेसबुक का जमाना है। वो जमाना आज के जमाने से बेहतर था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सामने आपकी बात रखेंगे, छह दिन आप हमारे मेहमान बनकर रहिए। पांचवीं विधानसभा के सदस्य रामकुमार भारती, सुधा जैन, मधुकर भी बैठक में मौजूद रहे।

पूर्व विधायक की मांग पर उड़ाई जाती हैं खिल्लियां
मप्र विधानसभा के मानसरोवर सभागार में कार्यकम पूर्व विधायक बृजेंद्र सिंह सिसौदिया ने कहा- पहली बार किसी अध्यक्ष ने सम्मान किया, पहले तो चाय तक नहीं पूछी। पूर्व विधायक जसवंत सिंह ने कहा कैबिनेट और राज्यमंत्री की तरह नहीं तो संसदीय सचिव जैसी सुविधाएं तो दें। ताकि आप हम विधायक का स्टेटस मैंटेन कर सकें। जसवंत सिंह मंच से कहा कि पूर्व विधायक मांग करते हैं, तो खिल्लियां उड़ाई जाती हैं। कम कीमत में मिलने वाले खाने को लेकर आलोचना होती है। हम लोगों की तकलीफ सुनते है, लेकिन हमारी तकलीफ सुनने वाला कोई नहीं है। पूर्व विधायक होने के बावजूद दो-दो रुपये के लिये हाथ फैला रहे हैं। पूर्व विधायकों को कोई किराए से भी मकान नहीं देता है।

पूर्व विधायकों की मांगें
विधानसभा के रेस्ट हाउस में रुकने के लिए किराया न लिया जाए। अभी पूर्व विधायकों को पहले तीन दिन 20 रुपए रोज और इसके बाद तीन दिन 50 रुपए और इसके बाद 100 रुपए रोज के हिसाब से किराया देना पड़ता है। इसके साथ ही मांग की है कि विधानसभा दफ्तर में होने वाले चाय नाश्ते का खर्च भी विधानसभा कार्यालय उठाए। विधायकों ने सड़कों पर टोल टैक्स से छूट और पेंशन बढ़ाने की भी मांग की थी।

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