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देश में मिले 3 मंकीपॉक्‍स सब-क्‍लस्‍टर, केरल के बाद दिल्‍ली डेंजर जोन में : ICMR स्‍टडी

नई दिल्‍ली । मंकीपॉक्‍स वायरस (monkeypox virus) के फैलाव को लेकर भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद यानी ICMR ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. ICMR ने इस संक्रामक बीमारी (infectious disease) को लेकर ताजा स्‍टडी रिपोर्ट जारी की है. इसमें भारत (India) में 3 मंकीपॉक्‍स सब-क्‍लस्‍टर (sub-cluster) होने का पता चला है. इनमें से एक केरल (Kerala) में जबकि 2 नई दिल्‍ली (Delhi) में पाए गए हैं. ऐसे में केरल और दिल्‍ली में मंकीपॉक्‍स को लेकर विशेष सतर्कता और सावधानी बरतने की आवश्‍यता है. इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकात है कि दुनियाभर में इससे संक्रमित मरीजों की तादाद 62 हजार के आंकड़ों को पार कर चुकी है. साथ ही मंकीपॉक्‍स संक्रामक बीमारी अभी तक 108 देशों में फैल चुकी है.

ICMR की स्‍टडी रिपोर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्‍स का पहला सब-क्‍लस्‍टर (n5) केरल और दिल्‍ली (n2) में पाया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये दोनों USA-2022 ON6740511 वर्ग से जुड़े हैं. दूसरा सब-क्‍लस्‍टर (n3) भी दिल्‍ली में पाया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह USA-2022 ON6754381 वगै से जुड़ा है. भारत में पाया गया तीसरा मंकीपॉक्‍स सब-क्‍लस्‍टर ब्रिटेर, अमेरिका और थाईलैंड कैटेगरी का पाया गया है. भारत में मंकीपॉक्‍स के तीन सब-क्‍लस्‍टर पाए जाने के बाद स्‍वास्‍थ्‍य महकमा और अधिक सचेत और सतर्क हो गया है, ताकि इस खतरनाक वायरस के फैलाव को रोका जा सके. साथ ही इससे संक्रमित लोगों का जल्‍द से जल्‍द पता लगाकर उन्‍हें उचित समय पर इलाज मुहैया कराया जा सके.


ICMR की स्‍टडी रिपोर्ट
ICMR की ताजा स्‍टडी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में पाए गए 90 से 99 फीसद मंकीपॉक्‍स वायरस सिक्‍वेंस का जीनोम A.2 ग्रुप से संबंधित पाया गया है. यह क्‍लेड IIb से जुड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-अगस्‍त 2022 के बीच की अवधि के दौरान 18 राज्‍यों से मंकीपॉक्‍स के 96 संदिग्‍ध मामले ICMR-नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे) को जांच के लिए भेजे गए थे. इनमें से 10 मामले पॉजिटिव पाए गए थे. इनमें दिल्‍ली से 5 (3 पुरुष और 2 महिलाएं) और केरल के 5 केस थे. दिल्‍ली में पाए गए मंकीपॉक्‍स के मरीजों का किसी तरह का अंतरराष्‍ट्रीय ट्रैवल हिस्‍ट्री नहीं था, जबकि केरल में जिनमें मंकपॉक्‍स पाए गए वे यूएई से भारत आए थे.

हेल्‍थ इमरजेंसी
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यानी की WHO ने मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर को लेकर पूरी दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है. WHO ने कहा कि यह बीमारी मरीज से स्किन टु स्किन कॉन्टैक्ट करने से या फिर उसे खाना खिलाने से भी फैलती है. WHO के विशेषज्ञों ने बताया कि इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स बीमारी फैल सकती है, ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

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