इंदौर न्यूज़ (Indore News)

74 दिन में ही हो गईं 30 हजार रजिस्ट्रियां, कमाई 376 करोड़ पार

  • रियल इस्टेट कारोबार में तेजी कायम, इंदौर परिक्षेत्र में आने वाले 15 जिलों में अधिकांश में स्टाम्प ड्यूटी आय में हुआ इजाफा

इंदौर (Indore)। रियल इस्टेट कारोबार में फिलहाल तो तेजी कायम है और इसका सबूत यह है कि पंजीयन विभाग की जहां कमाई बढ़ रही है, वहीं रजिस्ट्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी नजर आ रही है। गत वर्ष ही 2200 करोड़ का राजस्व मिला था, जिसमें इस बार और भी वृद्धि अनुमानित है। अभी 1 अप्रैल से लेकर 13 जून तक मात्र 74 दिनों में ही 376 करोड़ से अधिक की कमाई पंजीयन विभाग को हो चुकी है और इस दौरान लगभग 30 हजार रजिस्ट्रियां हुईं, जो कि गत वर्ष की तुलना में ज्यादा है। इंदौर परिक्षेत्र में आने वाले सभी 15 जिलों में से अधिकांश न राजस्व वृद्धि के साथ रजिस्ट्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी नजर आ रही है। जबकि कई क्षेत्रों में 5 से लेकर 25 फीसदी तक गाइडलाइन बढ़ा भी दी है।

इंदौर में गत वर्ष 50 हजार से अधिक रजिस्ट्रियां हुई थी और रियल इस्टेट कारोबार के हिसाब से अत्यंत सफल वर्ष भी साबित हुआ। चारों दिशाओं में धड़ाधड़ कालोनियां कटने लगी और कई प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए। हालांकि जो कॉलोनियां कटी उनमें अभी अनुमतियों का इंतजार है और डायरियों पर ही माल बिका है। बावजूद इसके जिन कॉलोनियों या प्रोजेक्टों में रेरा अनुमतियां भी प्राप्त हुई हैं वहां रजिस्ट्रियां धड़ाधड़ जारी है। इंदौर परिक्षेत्र के उप महानिरीक्षक बालकृष्ण मोरे का कहना है कि रजिस्ट्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई, बल्कि चालू वित्त वर्ष में बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां हो रही है।


गत वर्ष 1 अप्रैल से 13 जून तक 318.73 करोड़ की आय हुई थी, जबकि पंजीबद्ध दस्तावेजों यानी रजिस्ट्रियों की संख्या 28790 रही थी। जबकि इस वर्ष अभी इसी अवधि में जहां विभाग का राजस्व बढक़र 376.14 करोड़ पहुंच गया है, तो दस्तावेजों की संख्या भी लगभग 30 हजार हो गई है। लगभग 50 करोड़ रुपए की आय में इजाफा हुआ है। इसी तरह अधिकांश अन्य जिलों की आय भी बढ़ी है। उज्जैन में महाकाल लोक के बाद वहां की सम्पत्तियों में भी उछाल आया और अभी 81.88 करोड़ की आय हुई है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 72.29 करोड़ मिले थे। यही स्थिति शाजापुर, आगर, देवास, खरगोन, बड़वानी, खंडवा जिलों की है, जहां पर गत वर्ष की तुलना में दस्तावेजों की संख्या के साथ-साथ आय में भी बढ़ोतरी हुई है। श्री मोरे के मुताबिक 1 अप्रैल से अभी 13 जून तक इंदौर सहित इन सभी 15 जिलों की कुल आय 725.14 करोड़ रही। जबकि गत वर्ष आय का आंकड़ा 642.40 करोड़ था। इसी तरह दस्तावेजों की संख्या 96 हजार 419 थी, जो इस बार बढक़र 1 लाख 7 हजार 638 हो चुकी है। यानी चालू वित्त वर्ष में भी रजिस्ट्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई, उल्टा बढ़ोतरी ही दर्ज हो रही है। साथ ही स्टाम्प ड्यूटी से होने वाली आय में भी लगातार वृद्धि जारी है।

दस्तावेजों के डिजिटलाइजेश के साथ कायाकल्प भी
पंजीयन विभाग की कमाई के साथ अब उसके कायाकल्प पर भी ध्यान दिया जा रहा है। पिछले दिनों एक दर्जन स्टाम्प वेंडरों को नोटिस थमाए गए, तो दूसरी तरफ दस्तावेजों यानी रजिस्ट्रियों का डिजिटाइजेशन चल रहा है। 66 साल में हुई रजिस्ट्रियों के इंडेक्स यानी सूची के लगभग डेढ़ लाख पेजों को स्कैन करवाने के साथ अब पुरानी रजिस्ट्रियों को भी स्कैन करवाया जा रहा है, ताकि इनके रिकॉर्ड हमेशा ऑनलाइन उपलब्ध रहें। आगजनी से लेकर अन्य कारणों से रिकॉर्ड नष्ट हो जाते हैं या गायब कर दिए जाते हैं।

Share:

Next Post

सीएम ने बाजार बैठकी और हाथ ठेला वसूली पर लगाई रोक, फिर भी नगर पालिका गुढ़ के द्वारा की जा रही है वसूली

Thu Jun 15 , 2023
गुढ़ नगर पालिका अध्यक्ष महोदया की जानकारी मे हो रही ये उगाही या फिर उनकी आखो मे धूल झोककर ठेकेदार कर रहा उगाही गुढ़। प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा 29 मई को हाथ ठेला, बाजार बैठकी और फेरी-रेहड़ी वसूली को तत्काल प्रभाव से रोक लगाए जाने के बाद भी नगर पालिका गुढ़ के द्वारा आज […]