आचंलिक

4 पुलिस अधीक्षकों के कार्यकाल में 4 मामले पंजीबद्ध, अब झूठा साबित करने होड

  • एसआई रामवीर (दाउ) को फंसाने षड्यंत्र में टीआई, दीवान कबाड़ी की प्रमुख भूमिका

विजय सिंह जाट गुना। गुना जिले में पुलिस की आपसी गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है लंबे समय से पुलिसकर्मी गुट बनाकर एक दूसरे की टांग खींचने में लगातार बने हुए हैं एक दूसरे को नीचा दिखाने और पुलिस की ही शिकवा शिकायत कराने का खेल गुना में लंबे समय से चल रहा है हालांकि पुलिस के वरिष्ठ अफसरों को इस गुटबाजी के संबंध में सारी जानकारियां भी है। पुलिस की आपसी गुटबाजी के चलते पुलिस की गंभीर गोपनीय सूचना भी लीक हो रही है पुलिस के नामचीन कर्मियों में आपसी तालमेल न होने से कुछ नामचीन अपराधी मजे मार रहे हैं, बरसों पुराने गंभीर मामलों को भी अब झूठा साबित करने के लिए शिकवा शिकायत कराई जा रही हैं हालांकि जिन मामलों में अब झूठा होने की शिकायतें हो रही है उनमें अब जांच की कोई गुंजाइश ही नहीं है क्योंकि मामले ही न्यायालयों में लंबित होकर लगभग फैसलों के करीब आ चुके हैं। आपसी गुटबाजी से पुलिस की छवि जहां धूमिल हो रही है वहीं जिले से लेकर संभाग व मुख्यालय भोपाल तक पुलिस की जमकर किरकिरी भी हो रही है।

4 आईपीएस के कार्यकाल में दर्ज हुए 4 मामले, अब शिकायत
गुना जिले में पदस्थ पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा के कार्यकाल में चर्चित नामचीन आरक्षक नीरज जोशी उर्फ टोनी पर अनुसूचित जनजाति की महिला ने छेडख़ानी का मामला पंजीबद्ध कराया था, एसपी राजेश सिंह के समय टोनी के द्वारा सरकारी इंसास राइफल से हवाई फायर करने का वीडियो वायरल हुआ बाद में मामला पंजीबद्ध किया जाकर आरक्षक को सस्पेंड किया गया, एसपी श्री राजीव कुमार मिश्रा के कार्यकाल में चर्चित आरक्षक के खिलाफ सिटी कोतवाली गुना में बलात्कार सहित गंभीर धाराओं में मामला पंजीबद्ध हुआ जिसमें संबंधित का डीएनए टेस्ट कराया गया जो कि सही साबित हुआ, वर्तमान पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव कार्यकाल में भी बर्खास्त आरक्षक के साथ तीन अन्य लोग इसमें की तस्करी करते हुए पकड़े गए चार पहिया वाहन भी बरामद हुआ फिलहाल सभी आरोपी गुना जेल में बंद है। अब सभी मामलों में बलात्कारी व स्मैक तस्कर के पिता ने दूसरे गुट के पुलिस वालों के कहने पर एक शिकायती आवेदन दिया है जिसमें चारों ही मामलों को झूठा बता कर फंसाने के आरोप लगाए हैं।


टीआई, दीवान, कबाड़ी की भूमिका संदेह के घेरे में
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पुलिस द्वारा मामले को झूठा साबित करने के पीछे एक चर्चित नामचीन टीआई का नाम आया है बताया जाता है कि उक्त टीआई को अपराधियों से सांठगांठ करने व चोरी के मामलों पर अंकुश ना लगाने को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर हटाया गया है, साथ ही प्रधान आरक्षक गुना जिले में ही पदस्थ है इनके साथ एक चर्चित कबाड़ी मिला हुआ है। हालांकि विरोधी गैंग लंबे समय से सक्रिय होकर पुलिस की शिकायत कराने व गोपनीय जानकारियां लीक करने के लिए पहले से ही मशहूर है। जिनकी भनक अब पुलिस के वरिष्ठ अफसरों को भी लग चुकी है।

शिकायत के बाद एफआईआर डीएनए टेस्ट भी
गुना जिले में पदस्थ पूर्व पुलिस अधीक्षक श्री राजीव कुमार मिश्रा ने संपूर्ण मामले में कहा कि हड्डी मिल निवासी एक युवती के द्वारा लिखित आवेदन बलात्कार के संबंध में किया गया जिसके साथ कुछ फोटो वीडियो ऑडियो भी पुलिस को साक्ष स्वरूप सौंपे जिसके बाद नीरज जोशी उर्फ टोनी के खिलाफ बलात्कार की धारा सहित एससी एसटी एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं में मामला पंजीबद्ध हुआ, मामले में युवती की बच्ची का डीएनए टेस्ट भी कराया गया जो कि सही साबित हुआ, फि़लहाल मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

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