इंदौर न्यूज़ (Indore News)

4113 स्व सहायता समूहों ने बदली 44765 परिवारों की किस्मत

  • महिलाओं को किया सशक्त…6580 महिलाओं के लिए चलेगा अभियान

इंदौर। शहरी क्षेत्र में महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कई संस्थाएं जहां मदद कर रही हैं, वहीं रोजगार के अवसर आसानी से मिलने के कारण महिलाएं जीवन की गाड़ी का दूसरा मजबूत पहिया बनकर उभर रही हैं, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्र के 44765 परिवारों की महिलाओं को सशक्त बना दिया गया है। 4113 स्व सहायता समूह महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ साधन भी उपलब्ध कराए गए हैं।

334 पंचायतों के 602 गांव में अब महिलाएं अपने परिवार को चलाने में न केवल मुखिया की सहायता कर रही हैं, बल्कि रीढ़ बनकर सशक्त परिवार की नींव तैयार कर रही हैं। 51345 परिवारों के लक्ष्य में से प्रदेश शासन की मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला मिशन प्रबंधन इकाई इंदौर ने 44765 परिवारों की महिलाओं को न केवल स्वसहायता समूहों से जोड़ा है, बल्कि विभिन्न तरह के स्कीम में महारथ हासिल कराकर उन्हें रोजगार भी प्रदान कराया है। 4113 स्व सहायता समूह गांव-गांव, गली-गली जाकर इन उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि उन्हें बेचने में भी मदद कर रहे हैं। 15-15 महिलाओं के इन समूहों में महिलाएं बढ़-चढक़र हिस्सा ले रही हैं।


पुरुषों के क्षेत्र में भी उतरीं
अनाज की खरीदी-बिक्री के एकमात्र पुरुष प्रधान क्षेत्र समझे जाने वाले क्षेत्र में भी महिलाएं कूदी हैं। गोगाखेड़ी पंचायत के ग्राम धुलेट की 15 महिलाओं ने 2 हजार रुपए जमा कर अनाज खरीदी-बिक्री का काम शुरू किया, जो एक बड़े व्यापार के रूप में फल-फूल कर तैयार हो गया है। अब यह 15 महिलाएं आसपास के गांव में घूम-घूमकर छोटे किसानों से अनाज खरीदकर एकत्रित करती हैं और उसे मंडी में बेचकर मुनाफा कमा रही हैं। इसी तरह के ग्रामीण पथ विक्रेता मातृत्व परिधान, सिलाई केंद्र, नर्सरी संचालन, अमृत सरोवर, पौधारोपण, डिस्वाश निर्माण, सेनेटरी पेड, पैकेजिंग, मशरूम उत्पादन, काटन फूलबत्ती, झाडू निर्माण, वाशिंग पावडर निर्माण, चूड़ी और ज्वेलरी मेकिंग के साथ-साथ शासकीय स्कूलों के लिए गणवेश निर्माण का काम भी कर रही हैं। महीने में आठ से दस हजार रुपए कमाकर परिवार और बच्चों के लिए सहायक बनकर उभर रही हैं।

पति को दिया रोजगार
विकासखंड ग्राम कैलोद की निवासी सपना विनोद ने समूह से जुडक़र आसपास के गांव में जाकर मजदूरी करके जीवनयापन करने को मजबूर अपने पति को भी रोजगार दिया है। 2020 में महिला ने भारत सरकार की योजना आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस के तहत लोन लेकर चार पहिया वाहन खरीदा और अब वह महू से जामबुजुर्ग तक के सभी स्कूल के बच्चों को घर लाने व ले जाने का काम कर रही है। इसके लिए महिला ने अपने ही पति को वाहन चलाने का रोजगार दिया है, वहीं हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने मेंं भी स्व सहायता समूहों को भूमिका महत्वपूर्ण रही।

6580 महिलाओं को जोड़ेंगे
6580 महिलाओं के लिए 15 फरवरी तक ग्रामीण क्षेत्रो में विशेष अभियान छेडक़र स्व सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा, जिसके लिए 10-10 सदस्यों के 1343 समूहों में 5-5 सदस्य और जोड़े जाएंगे। ज्ञात हो कि 407 ग्राम संगठन हैं, जो इन समूहों के कार्यों पर निगरानी रखते हैं और इन ग्राम संगठनों पर 18 संकुल स्तरीय संगठन नजर रखते हैं।

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