इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर में 10 दिन में ही मिल गए 528 कोरोना मरीज, सैम्पलों की संख्या भी बढ़ी

अधिकांश मरीज घरों में ही स्वस्थ, स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरजनित बीमारियों से बचने की दी सलाह
इंदौर।  कोरोना मरीजों (corona patients) की संख्या कम-ज्यादा हो रही है। कल रात जारी मेडिकल बुलेटिन (medical bulletin) में 70 नए मरीज बताए गए, जो कि 440 सैम्पलों की जांच से सामने आए। इंदौर जिले (indore district) में फिलहाल 401 कोरोना उपचाररत मरीज हैं, तो बीते 10 दिनों में 528 मरीज मिल गए हैं। मगर चिंता की बात इसलिए नहीं है कि ये सभी मरीज सामान्य सर्दी, जुखाम, बुखार के ही हैं। सिर्फ दो बुजुर्ग मरीजों को अस्पताल (hospital) में भर्ती करवाने की आवश्यकता पड़ी और एक महिला की मौत भी हुई, जो अन्य बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती थी। संक्रमण की दर 10 से 15 फीसदी के आसपास चल रही है। कुछ सैम्पलों (samples) की संख्या भी बढाई गई है।


देशभर में कोरोना की चौथी लहर  (fourth wave) के चलते मरीजों की संख्या में कुछ इजाफा तो हो रहा है, मगर दूसरी लहर की तरह ये भी घातक नहीं है। लिहाजा अब कोरोना से लोगों का डर भी लगभग खत्म हो गया है। मास्क का इस्तेमाल तो लगभग बंद ही हो गया, वहीं भीड़ भरे आयोजन बेरोक-टोक चल रहे हैं। शासन-प्रशासन ने भी किसी तरह की कोई सख्ती नहीं की है। अभी तो वैसे ही पंचायत और निगम चुनाव का दौर चल रहा है। बीते 10 दिनों में 528 कोरोना मरीज इंदौर में मिले हैं। 1 जुलाई को 44, 2 जुलाई को 45, 3 जुलाई को 36, 4 जुलाई को 56, 5 जुलाई को 49, 6 जुलाई को 77, 7 जुलाई को 40, 8 जुलाई को 53, 9 जुलाई को 58 और कल रात जारी बुलेटिन में 70 पॉजिटिव मरीज बताए गए हैं। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने बारिश के मद्देनजर होने वाली मच्छरजनित बीमारियों से बचने की भी सलाह दी है। वर्षा के मौसम में होने वाली बीमरियां जैसे सर्दी, जुखाम, बुखार, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा एवं टाइफाइड हो सकते हैं। सर्दी, जुखाम, बुखार से बचने के लिए बारिश में ज्यादा देर तक न भीगे, भीगने से बचे, भीगने पर शरीर को साफ-कपड़े से पोछे तुरंत कपड़े बदलें। मलेरिया से बचने के लिये अपने घर के आसपास गड्ढा न होने दें, अगर गड्ढे हो तो, उसमें पानी इकट्ठा न होने दें। हैजा से बचने के लिए घर के आसपास सफाई रखें, गंदा पानी उपयोग में न लाये, पानी को छानकर या उबालकर उपयोग करें। टाइफाइड खतरनाक बीमारी में से एक है। यह संक्रमित जल व दूषित भोजन से होता है। इस बीमारी में तेज बुखार आता है एवं कई दिनों तक रहता है। इस बीमारी का संक्रमण रोगी के पित्ताशय में रहता है, टाइफाइड होने वाले रोगी से दूर रहना चाहिए और चिकित्सक से दवा लेनी चाहिए। आम जनता से अपील की गई है कि वर्षा के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव जरूरी है। अगर बचाव न किया जाये तो यह खतरनाक हो सकती है। इसलिए कोई भी बीमारी होने पर चिकित्सक को अवश्य दिखाएं, जिससे रोग की पहचान की जा सके।

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