उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

जिले के 6 वर्ष से छोटे 89 प्रतिशत बच्चों की समग्र आईडी नहीं

  • बाल हितग्राही पंजीयन में पिछड़ा महिला एवं बाल विकास विभाग-विभाग के संचालक ने 18 दिन पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी का वेतन रोकने का आदेश जारी किया था

उज्जैन। महिला एवं बाल विकास विभाग के आला अधिकारी 0 से 6 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सरकारी योजनाओं को लेकर गंभीर नहीं है। जिले में इस साल 89 प्रतिशत बच्चे इस फायदे से लापरवाही के कारण वंचित रह गए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी का वेतन रोकने के आदेश संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग पिछले दिनों जारी कर चुका है। 0 से 6 साल तक के बाल हितग्राहियों को शासन की पोषण आहार सहित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के संपर्क एप एवं एमपीआर पर बाल हितग्राहियों का पंजीयन आवश्यक है, परंतु जिले के 89 प्रतिशत बच्चों की समग्र आईडी नहीं होने से इस आयु वर्ग के बच्चे योजनाओं के लाभ से वंचित रह गए हैं। इस वर्ष सितंबर माह के अंत तक केवल 11.33 प्रतिशत बच्चों का ही संपर्क एप पर विभाग जिले में पंजीयन कर पाया है। लापरवाही पर जिला कार्यक्रम अधिकारी साबिर एहमद सिद्दिकी को संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. रामराव भोसले ने दिनांक 28 सितंबर 2022 को आदेश क्रमांक/ स्था-4/818/ मबावि/ 2022/ 4780 जारी कर सितंबर माह का वेतन नहीं निकालने के निर्देश दिए थे।


पंजीयन होने पर यह फायदा मिलता बच्चों को
संचालनालय महिला एवं बाल विकास के नियमानुसार अगर 0 से 6 वर्ष के बच्चों का विभाग के संपर्क एप पर पंजीयन समय पर कर लिया जाता है तो इससे गर्भवती, धात्री महिलाओं तथा 0-6 वर्ष के बच्चों को स्वास्थ्य व पोषण सेवाएं आसानी से मिलने लगती है। योजना में बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास तथा स्वास्थ्य व पोषण की स्थिति में सुधार लाना ही सरकार और विभाग का मुख्य लक्ष्य है। इसके अलावा शिशु मृत्यु दर पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, साक्षरता दर, बच्चों का पोषण स्तर इत्यादि का रिकॉर्ड भी जिलेवार अपडेट होता रहता है।

वेतन रूका तो जागे, आईडी बनवा रहे
इस मामले में अग्निबाण प्रतिनिधि ने जब महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी साबिर एहमद सिद्दिकी से जिले में बच्चों के महिला एवं बाल विकास विभाग के संपर्क एप में पंजीयन हेतु बरती गई लापरवाही का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि समग्र पोर्टल पर परिवार में जन्में बच्चे का पंजीयन कराना माता-पिता और परिजनों की जिम्मेदारी है। 0 से 6 वर्ष तक के कुल बच्चों में से जिले के केवल 11.33 प्रतिशत बच्चों के पंजीयन परिजनों ने समग्र पोर्टल पर करा समग्र आईडी बनवाई है। इसी के आधार पर विभाग के संपर्क एप में पंजीयन हो पाता है। इसलिए अब अमले को इस आयु वर्ग के बच्चों के समग्र पोर्टल पर पंजीयन हेतु काम पर लगाया गया है।

Share:

Next Post

दीपावली के बाद पशु बाड़ों को तोड़ेगा निगम

Sat Oct 15 , 2022
दो पशु पालने की शर्तों के साथ दी जाएगी अनुमति-एमआईसी में लाया जाएगा प्रस्ताव उज्जैन। प्रधानमंत्री के आगमन के चलते पशु बाड़े तोडऩे की कार्रवाई कुछ दिनों से रोक दी गई थी। अब यह कार्रवाई दीपावली के बाद फिर होगी, लेकिन इसके लिए कुछ अलग नियम बनाए जाएँगे। इसमें पशु पालने के लिए लाइसेंस भी […]